
National Health Claims Exchange
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के साथ उन उपायों पर काम कर रहा है, जिनका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक मरीजों की पहुंच को सुलभ कराना और आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च में कमी लाना है। आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च यानी चिकित्सा पर होने वाला व्यय जो स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) द्वारा कवर नहीं होता है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और इरडा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘National Health Claim Exchange’ (एनएचसीएक्स) को लॉन्च करने जा रहे हैं। क्या यह प्लेटफॉर्म स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में मरीजों की मदद करेगा? क्या इससे स्वास्थ्य देखभाल दावों के पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता आएगी?
भारत डिजिटल मिशन (India Digital Mission) के तहत विकसित किया जा रहा ‘NHCX’ सभी बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं व स्वास्थ्य बीमा पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों के लिए एक गेटवे के तौर पर काम करेगा। इससे बीमा उद्योग में दक्षता, पारदर्शिता बढ़ने, पॉलिसीधारकों और रोगियों को लाभ मिलने की उमीद है। इससे पारदर्शिता के साथ स्वास्थ्य बीमा दावों की प्रक्रिया तेज होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘NHCX इरडा के ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य के अनुरूप है। इससे अस्पतालों व बीमा कंपनियों के बीच सुव्यवस्थित, कागज रहित और संविदात्मक दायित्व के तहत एक ढांचा तैयार होगा, जो स्वास्थ्य देखभाल लागत में दक्षता, पूर्वानुमान और पारदर्शिता में सुधार लाने वाला साबित होगा। अब तक एनएचसीएक्स से एक थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर और 12 बीमा कंपनियां जुड़ चुकी हैं।
सभी कैशलेस बीमा दावों के निपटान के लिए समय सीमा तय की गई है। इरडा के मुताबिक सभी कैशलेस बीमा दावों के लिए अस्पताल से डिस्चार्ज प्रमाणपत्र प्राप्त करने के तीन घंटे के भीतर प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। आवश्यक प्रणालियां और प्रक्रियाएं लागू करने के लिए 31 जुलाई तक की समय सीमा तय की गई है।
मरीज के स्वास्थ्य रिकॉर्ड व डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल का डिजिटलीकरण बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जनवरी 2023 में डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआइएस) शुरू की थी, जिसमें अस्पतालों को एक्सचेंज के जरिए प्रति बीमा दावा लेन-देन पर 500 रुपए या दावा राशि का 10% (जो भी कम हो) का वित्तीय प्रोत्साहन मिलता है।
‘भारत में स्वास्थ्य बीमा कवरेज: राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए अंतर्दृष्टि (Insight) ’ नामक दस्तावेज स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और आउट-ऑफ पॉकेट के भारी-भरकम खर्चों को कम करने में स्वास्थ्य बीमा के महत्त्व को रेखांकित करता है। यह दस्तावेज बताता है कि निजी बीमा कंपनी की योजना हो या सरकारी, बीमित होने पर अस्पताल में भर्ती होना सहज हो जाता है। NHCX प्लेटफॉर्म बीमा कंपनियों, थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर, सरकारी वित्तपोषित स्कीम, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, पॉलीक्लिनिक्स के बीच हेल्थ क्लेम डेटा, दस्तावेजों आदि के निर्बाध आदान-प्रदान को मानकीकृत और सक्षम करेगा। डिजिटलीकरण और योजना के केंद्रीकरण से दावा निपटान की लागत में काफी कमी आने का अनुमान है।
मुख्य चुनौती अस्पतालों व बीमा कंपनियों के बीच संबंधों में सुधार है। इसके लिए जरूरी हैं डिजिटलीकरण के प्रयास, आइटी प्रणाली का उन्नयन व कार्यबल प्रशिक्षण। फिट होने के बाद भी मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने में देरी, गलतफहमी जैसे कुछ मुद्दे हैं जो बाधा पैदा करते हैं। डेटा में सेंधमारी जैसी चुनौतियों से लगातार कुशलतापूर्वक निपटा जा रहा है। उमीद है कि एक्सचेंज को पूरे पैमाने पर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
29% है भारत की कुल सामान्य बीमा प्रीमियम आय में स्वास्थ्य बीमा की हिस्सेदारी। अभी भी बड़ी आबादी किसी भी बीमा या स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित है।
2023 में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक परिपत्र के जरिए सभी बीमा कंपनियों को सलाह दी थी कि वे बीमा कवर चाहने वाले सभी लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता नंबर लेना शुरू करें।
Published on:
11 Jun 2024 12:38 pm
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