शोध के सह-लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर व संस्थान के निदेशक बेंजामिन लीवाइन ने कहा, ‘हमारे दल द्वारा किए गए पिछले 5 सालों के अध्ययनों की श्रृंखला से पता चलता है कि व्यायाम की एक ‘खुराक’ ही जीवन के लिए मेरा नुस्खा है।’ अध्ययन की रिपोर्ट सर्कुलेशन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
शोध के दौरान प्रतिभागियों को दो अलग-अलग समूहों में बांटा गया। लगातार 2 सालों को एक समूह को कसरत करने तथा दूसरे समूह को योग व बैलेंस ट्रेनिंग करने को कहा गया तथा उनका लगातार पर्यवेक्षण किया गया। इनमें से जिस समूह ने व्यायाम किया था,उनमें व्यायाम के दौरान ऑक्सीजन खींचने में 18 फीसदी सुधार दर्ज किया गया, साथ ही हृदय की लोचता में 25 फीसदी सुधार दर्ज किया गया। उम्र बढऩे के साथ दिल की मांसपेशियां कठोर हो जाती हंै, जो ऑक्सीजन से भरपूर रक्त शरीर को पहुंचाती है।
शोधकर्ताओं ने समझाया, ‘जब दिल की मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं, तो आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, क्योंकि दिल के कक्ष में ब्ल्ड सही मात्रा में भर नहीं पाता। इसके सबसे गंभीर रूप में दिल के कक्ष से ब्ल्ड फेफड़े में वापस आ सकता है। यही वह वक्त होता है, जब हार्ट फेल होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।