
Dengue
Study on dengue : हर साल सितंबर-अक्तूबर में देश में मच्छरों से फैलने वाले रोग़ों के मामले बढ़ते हैं। डेंगू एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होने वाला डेंगू तेज बुखार के साथ गंभीर स्थितियों में रक्तस्राव का कारण बन सकता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा दुष्प्रभाव भी देखा जा सकता है।
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दक्षिणी राज्यों में डेंगू (Dengue) से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डेंगू के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर एक अध्ययन में खुलासा हुआ है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि डेंगू संक्रमण कोविड-19 से अधिक खतरनाक हो सकती है। डेंगू से ठीक हो चुके लोगों में कोविड रोगियों से हृदय संबंधी जटिलताओं का जोखिम 55% अधिक होता है।
कोविड-19 के प्रकोप के साथ इसके शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों का जिक्र किया गया है। शोध में पाया गया कि कोविड-19 रोग हृदय स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है। इस अध्ययन में बताया गया है कि डेंगू की बीमारी कोविड से भी अधिक आपके हृदय के लिए हानिकारक हो सकती है।
सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने डेंगू से होने वाले दुष्प्रभाव का अध्ययन किया है। उन्होंने देखा कि डेंगू (Dengue) संक्रमण के बाद लोगों में हृदय संबंधी बीमारियों की आशंका ज्यादा होती है। इसलिए डेंगू के बाद हृदय की सेहत को ध्यान से देखने की जरूरत है।
इस अध्ययन का उद्देश्य था कि सिंगापुर में जुलाई 2021 से अक्तूबर 2022 के बीच डेंगू से पीड़ित 11,707 और कोविड से पीड़ित 1,248,326 रोगियों की परीक्षण किया जाए। इस अध्ययन में प्रतिभागियों की संक्रमण के 300 दिन बाद तक स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी की गई। यह अध्ययन ने खोजा कि डेंगू कई तरीके से शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कई मामलों में गंभीर डेंगू के कारण लिवर को नुकसान पहुंच सकता है, इसके साथ ही मायोकार्डाइटिस और तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी देखी गई हैं।
हांगकांग में संक्रामक रोग और महामारी के प्रोफेसर क्वोक के अनुसार, डेंगू निरोगी कोविड-19 से भी बड़े नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने देखा कि डेंगू से ठीक हो चुके व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर लंबी अवधि तक बुरा असर हो सकता है। दीर्घकालिक रूप में डेंगू के कारण हार्ट, लिवर सहित कई महत्वपूर्ण अंगों को क्षति होने का भी खतरा हो सकता है। इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर भी हो सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
04 Sept 2024 04:30 pm
Published on:
03 Sept 2024 05:52 pm
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