अगर चुकंदर, जामुन आदि का सेवन किया जाए या कुछ दवाओं का सेवन किया जाए तो इससे यूरिन का कलर हरा पीला नीला आदि हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं किया है और फिर भी पेशाब का रंग असामान्य तरीके से बदला हुआ है तो यह किसी बीमारी के संकेत हो सकते हैं ।
सामान्यतया यूरिन का रंग पानी पीने पर निर्भर करता है। तरल पदार्थ यूरिन में यैलो पिग्मेंट को पतला कर देता इसलिए जितना अधिक पानी पीएंगे यूरिन का रंग उतना ही ज्यादा साफ होगा। जब कम पानी पीया जाए तो यूरिन का रंग यैलो के साथ-साथ गाढ़ा होता जाएगा। हालांकि कभी-कभी यूरिन का रंग सामान्य से बहुत ज्यादा बदल भी हो सकता है। यह लाल हरा नीला गहरा भूरा और सफेद भी हो सकता है।
अगर यूरेनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन हो जाए या किडनी में स्टोन हो जाए तो यूरिन का रंग ब्लड के रंग का दिखने लगेगा। सामान्यतया इसमें यूरिन पास करते समय दर्द भी होगा लेकिन अगर दर्द नहीं हो रहा है और यूरिन का कलर ब्लडिश है तो यह खतरे का संकेत है। कभी-कभी यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने से यूरिन का रंग नीला भी हो सकता है। यह हाइपरकैल्सीमिया या ब्लू डायपर सिंड्रोम का संकेत हो सकता है।
अगर यूरिन का कलर डार्क या ऑरेंज कलर का हो जाए तो कई परेशानियों का संकेत हो सकता है ।
कभी-कभी यूरिन का रंग गहरा भूरा या काला हो सकता है। यह कॉपर या फिनॉल विषाक्तता के कारण हो सकता है।
यूरिन इन्फेक्शन में कॉफी से भी तौबा कर लेना चाहिए। कॉफी से यूरिन इन्फेक्शन कम होने के बजाय फैलेगा। कॉफी की जगह आप हर्बल टी का उपयोग कर सकते है। 2. संतुलित भोजन
इन सभी के साथ-साथ शराब से भी दूरी बना लें और मिर्च-मसाले, गुड़, खटाई और तेल से बनी चीजों की तरफ देखें भी नही। जितना सादा भोजन करेंगे उतना अच्छा है।
मिर्च-मसाले वाला भोजन यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति को और गंभीर बना देता है। यह ज्यादा जलन और दर्द पैदा करता है। इसलिए समस्या के दौरान जितना हो सके सादा भोजन ही ग्रहण करें।