scriptजाने कितनी देर देखने स्क्रीन, इसलिए ख़राब होती हैं आँखें | what is screen time and how much time spend on screen | Patrika News
स्वास्थ्य

जाने कितनी देर देखने स्क्रीन, इसलिए ख़राब होती हैं आँखें

आजकल हर अभिभावक यही जानना चाहता है कि बच्चों का स्क्रीन टाइम कितना होना चाहिए। अधिक समय तक मोबाइल-कम्प्यूटर देखने और उस पर पढ़ाई से आंखों को कैसे बचाया जा सकता है? यहां जानते हैं उम्र के हिसाब से बच्चों का स्क्रीन टाइम और उससे बचाव के बारे में-

जयपुरJul 26, 2020 / 03:37 pm

Hemant Pandey

जाने कितनी देर देखने स्क्रीन, इसलिए ख़राब होती हैं आँखें

जाने कितनी देर देखने स्क्रीन, इसलिए ख़राब होती हैं आँखें

स्क्रीन टाइम?
स्क्रीन टाइम का अर्थ कि बच्चा 24 घंटे में कितनी देर तक मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और टैबलेट आदि गैजेट का इस्तेमाल करता है।
क्यों स्क्रीन से दूर रहें बच्चे
पांच साल की उम्र तक बच्चों की आंखों का विकास होता है। इस दौरान वे स्क्रीन पर ज्यादा देखते हैं तो उनकी आंखों पर असर पड़ेगा। नजर कमजोर हो सकती, कम उम्र में चश्मा लग सकता है। आंखों के रोग होते हैं।
कितना हो स्क्रीन टाइम
अमरीकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार 18 माह से छोटे बच्चों को स्क्रीन से दूर रखें। 18-24 माह तक थोड़ी व 2-5 साल तक के बच्चे एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन न देखें। इनसे बड़े बच्चे 3-4 घंटे तक देख सकते हैं लेकिन हर 25-30 मिनट पर 5 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
नजर व सुनने पर असर
ज्यादा मोबाइल देखने से शारीरिक और मानसिक दोनों परेशानी होती है। ज्यादा देर तक बैठे से पोश्चर संबंधी समस्या, आंखों की रोशनी पर असर, अनिद्रा-तनाव बढ़ रहा है। हेड फोन से कान पर खराब प्रभाव पड़ता है।
एंटीग्लेयर चश्मा लगाएं
बच्चा जिस कमरे में पढ़ रहा है, वहां रोशनी पर्याप्त रखेें। अंधेरे कमरे में स्क्रीन देखने पर आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। मोबाइल-कम्प्यूटर पर पढऩे वाले बच्चों को एंटीग्लेयर चश्मा लगाएं। स्पीकर मोड पर पढ़ाएं।
२०-२० मिनट में लें ब्रेक
स्क्रीन देखने वाले लोगों को 20-20 मिनट में ब्रेक लेना चाहिए। छोटे बच्चों को 10-15 मिनट में ब्रेक दिलाएं। पलकों को झपकाएं और कोई दूर की चीज देखें। इससे आंखों की मांसपेशियां को आराम मिलता है।
अभिभावक ध्यान रखें
कंप्यूटर-मोबाइल ऐसी जगह रखें जहां देख सकें कि बच्चा क्या कर रहा है। पढ़ाई के अलावा लैपटॉप-मोबाइल के लिए नियम बनाएं। टाइम तय करें। मॉनीटरिंग के लिए कई ऐप्स भी आते हैं। उन्हें फिजिकल एक्टिविटी जैसे कसरत, साइक्लिंग, वॉक, स्पोट्र्स के लिए प्रेरित करें।
डॉ. सुभाष मिश्रा, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं राज्य नोडल अधिकारी नेत्र रोग कार्यक्रम, छत्तीसगढ़

Home / Health / जाने कितनी देर देखने स्क्रीन, इसलिए ख़राब होती हैं आँखें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो