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यह पहला मौका होगा जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री हरियाणा का बजट पेश करेंगे। मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा। जननायक जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रहे मनोहर लाल इस बजट के माध्यम से कई संदेश देने के प्रयास में हैं। प्रदेश सरकार आगामी बजट सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस करेगी। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार इस बार स्वास्थ्य विभाग का बजट दो गुणा किया जाएगा। जिसके चलते यह बजट दस हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। हरियाणा सरकार का पिछला बजट कुल एक लाख 32 हजार 165.99 करोड़ का था। जिसमें 12022.49 करोड़ का घाटा था। पिछले बजट में कुल एक लाख 79 हजार 462 हजार करोड़ का कर्ज दिखाया गया था। इस बार बजट और बढ़ सकता है।
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बता दें कि 17 फरवरी से हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का आगाज होने जा रहा है। मुख्यमंत्री बजट पेश करने से पहले हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर छह कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न संगठनों का फीडबैक ले चुके हैं। बजट से पहले सांसदों के साथ बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब विधानसभा सत्र से पहले तीन दिन तक विधायकों के साथ प्री-बजट चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम मंगलवार को सामने आया है। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी ने 63 सीटों पर जीत हासिल की है। बीजेपी ( BJP ) सात सीटों पर ही कब्जा जमा पाई। इधर कांग्रेस खाता खोलने में नाकाम रही।
वर्ष 2019 का बजट, किस विभाग को कितना मिला
विभाग का नाम—मिला बजट
कृषि एवं किसान कल्याण—3834.33 करोड़
सहकारिता—1396.21 करोड़
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन—1512.42 करोड़
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण—3126.54 करोड़
चिकित्सा एवं अनुसंधान—1358.75 करोड़
आयुष—0337.20 करोड़
ईएएसआई—172.49 करोड़
खाद्य एवं औषध—045.67 करोड़
शिक्षा एवं सबद्ध—12307.46 करोड़
तकनीकी शिक्षा—0512.72 करोड़
खेल एवं युवा मामले—0401.17 करोड़
कौशल विकास,औद्योगिक प्रशिक्षण—0680.06 करोड़
रोजगार विभाग—0365.20 करोड़
सिंचाई एवं जल संसाधन—3324.51 करोड़
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी—3605.32 करोड़
बिजली विभाग—12988.61 करोड़
लोक निर्माण विभाग—3626.21 करोड़
नागरिक उड्डयन—214.10 करोड़
इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी—152.75 करोड़
उद्योग विभाग—406.72 करोड़
वन विभाग—415.39 करोड़
खान एवं भू-विज्ञान—101.55 करोड़
शहरी स्थानीय निकाय—3994.95 करोड़
गृह विभाग—5150.51 करोड़
पर्यटन विकास—0048.92 करोड़
विकास एवं पंचायत—5194.16 करोड़
परिवहन—2605.00 करोड़
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा विभाग—7199.32 करोड़
महिला एवं बाल विकास—1504.98 करोड़