महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक अनिता यादव की शिकायत के अनुसार सैंथी बहादुर की विभाग में रिसर्च ऑफिसर के रूप में 31 अगस्त, 2017 को नियुक्ति हुई। उसे कांट्रेक्ट आधार पर विभाग में रखा गया। विभाग की संयुक्त निदेशक विनोद सहगल ने 10 अक्तूबर को निदेशक को शिकायत की कि सैंथी बहादुर अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभा रही। उन्हें जो भी काम बताया जाता है वे नहीं करती और बदतमीजी करती हैं।
इस शिकायत के तुरंत बाद विभाग की एडिशनल निदेशक शशि दून की अध्यक्षता में मामले की जांच की गई। निदेशक के अनुसार, उसने सैंथी को समझाया भी लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। शिकायतकर्ता के अनुसार 12 अक्तूबर को टेलीफोन नंबर 0172-2746855 से उनके कार्यालय के नंबर 0172-2560349 पर फोन आया और उनके कर्मचारी ऋषिपाल ने फोन उठाया। इस दौरान निदेशक की निजी सचिव इंदु बाला भी वहां मौजूद थीं।
फोन करने वाले ने अपना नाम राकेश बहादुर बताया और पीए के साथ बदमतीजी से बात की। इसके बाद निदेशक से बात कराने को कहा। निदेशक के अनुसार, जब पीए ने फोन मुझे ट्रांसफर किया तो राकेश बहादुर ने अभद्र शब्दावली का इस्तेमाल किया। यहां तक कि एससी-एसटी आयोग में शिकायत करने और कोर्ट में घसीटने की धमकी दी। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अनिता यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस बीच राकेश बहादुर की बेटी सैंथी बहादुर को भी नौकरी से टर्मिनेट किया जा चुका है।
पंचकूला के सेक्टर-5 पुलिस स्टेशन में राकेश बहादुर एवं उनकी बेटी सैंथी बहादुर के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को इस मामले का जांच अधिकारी (आईओ) नियुक्त किया है। पुलिस ने अनिता यादव की शिकायत पर एफआईआर (नंबर-0555) को धारा-120बी, 186, 189, 353, 389 व 506 के तहत परचा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।