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ज्योतिषियों ने कहा, अप्रैल-जून में तबाही के संकेत, संभल जाएं अभी

अगले माह 20 अप्रैल को बनने वाला गुरु चांडाल योग तथा मंगल, शनि का वक्री होना तीसरे विश्वयुद्ध के आसार पैदा कर रहा है

Mar 15, 2016 / 11:31 am

सुनील शर्मा

earth planet

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अगले माह 20 अप्रैल को बनने वाला गुरु चांडाल योग तथा मंगल, शनि का वक्री होना तीसरे विश्वयुद्ध के आसार पैदा कर रहा है। इस योग के चलते जहां आकाश में अशुभ खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी वहीं अप्रैल-जून में पूरे विश्व में भारी तबाही के भी संकेत हैं। काशी के ज्योतिषियों ने ग्रहों की गणना करते हुए भविष्यवाणी की है कि आगामी दो माह में विश्व में कोई बड़ी भारी विपदा आ सकती है।

क्या होता है गुरु चांडाल योग
आम तौर पर यही माना जाता है कि राहू और केतु केवल सूर्य तथा चन्द्रमा को ही ग्रसित करते हैं परन्तु ये दोनों ग्रह अन्य ग्रहों को भी ग्रसित करती है। कालक्रम के अनुसार जब कभी देवगुरु बृहस्पति को राहु ग्रसित करता है, तो इस तरह बनने वाले योग को गुरु चांडाल योग कहा जाता है। इस समय यही योग बन रहा है। यह योग अत्यन्त अशुभ माना जाता है तथा बड़ी तबाही का संकेत देता है।

मंगल और शनि दोनों ही हुए वक्री
गुरु चांडाल योग के साथ ही दो क्रूर ग्रह मंगल तथा शनि भी वक्री होंगे जो खंड प्रलय का संकेत देता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब धनु, मीन, वृष और वृश्चिक राशि के रहते हुए मंगल और शनि वक्रीय हों तो धरती पर खंड प्रलय का योग बनता है। यदि गुरु चांडाल योग के साथ यह अशुभ योग बने तो निश्चय ही किसी बड़े विनाश का कारण बनता है। ऐसा योग हजारों सालों में एक बार बनता है और इसका असर पूरे विश्व पर होता है।

रत्नेश्वर महादेव मंदिर पर वज्रपात से मिला संकेत
ज्योतिषियों के अनुसार दत्तात्रेय घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव के मंदिर पर वज्रपात होना कोई सामान्य घटना न होकर आने वाले विनाश का संकेत हैं। गुरु चांडाल योग में ऐसी घटनाएं सामान्य होती हैं।

दो तिहाई धरती पर होगा असर
ज्योतिष के हिसाब से शनि मंगल का वृश्चिक राशि में वक्री होना तथा साथ ही गुरु चांडाल योग का बनना बहुत बड़ा अशुभ संकेत है। आने वाले अगले दो महीनों में विश्व के विभिन्न देशों में प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, दैवी आपदा, विश्व युद्ध और खंड प्रलय जैसे हालात उत्पन्न होने का अंदेशा जताया जा रहा है। ग्रहों की गणना के अनुसार इससे धरती के दो तिहाई से अधिक भाग पर भारी तबाही मच सकती है।

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