प्रभारी सीएमओ केके भावसार ने चर्चा में कहा कि विवाद की वजह क्या है। मुझे नहीं पता। मैं तो हमेशा की तरह अपने कार्य में व्यस्त था। जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा था। कुर्सी नहीं होने पर मेरे द्वारा बुलवाई गई थी।
कमलेश सिंह का कहना है कि कार्यालय में सीएमओ के सामने प्रतिपक्ष नेता और नपा उपाध्यक्ष का खड़ा रहना उपेक्षा नहीं तो क्या है। इसलिए मेरे द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई थी। विवाद शांत होते ही कार्यालय में बैठकर चाय पी।
विवाद शांत हुआ फिर सौंपा ज्ञापन
भाजप मंडल अध्यक्ष सुधा चंद्रा के नेतृत्व में शुक्रवार को आधा दर्जन से अधिक पार्षदों ने बिजली और पानी की मांग को लेकर प्रभारी सीएमओ को ज्ञापन सौंपा। कहा कि बिजली और जल आवर्धन योजना के कार्यादेश जारी हो गए हैं। भूमिपूजन भी हो चुका है। आचार संहिता के चलते विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे। ठेकेदार को आदेश कर निर्माण कार्य जल्द शुरू कराए जाए। प्रभारी सीएमओ ने कहा कि जनहित के कार्य में देरी की वजह से संबंधित ठेकेदार को नोटिस दिया जा रहा है। इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह, कमलेश सिंह, भीमबहादुर थापा, संजय अग्रवाल, बंडू माकोड़े, विनय मदने, मनोज डहेरिया, समीर मसीद, नंदू पाटिल समेत अन्य नेता उपस्थित थे।