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होशंगाबाद

कॉलेज के दैवेभो कर्मचारी ने पत्नी-बेटी के साथ की सामूहिक आत्महत्या

इस सामूहिक आत्महत्या के पीछे चार तरह की बातें सामने आ रही है, जिसमें पिछले छह माह से वेतन नहीं मिलने, घरेलू परेशानी और कॉलेज के अंदर के विवाद सहित मृतक के पहले जो कर्मचारी पदस्थ था उससे जुड़ा मामला भी बताया जा रहा है। कॉलेज के बाबू राजेश रैकवार से भी इस घटना के तार जुड़ रहे हैं।

होशंगाबादMay 23, 2022 / 05:54 pm

devendra awadhiya

कॉलेज के दैवेभो कर्मचारी ने पत्नी-बेटी के साथ की सामूहिक आत्महत्या

कॉलेज के दैवेभो कर्मचारी ने पत्नी-बेटी के साथ की सामूहिक आत्महत्या

नर्मदापुरम/पिपरिया
जिले के पिपरिया के सरकारी कॉलेज में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने सोमवार अपनी पत्नी और बेटी सहित अपने घर में फंदे लगाकर आत्महत्या कर ली। पड़ौसियों की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जांच-पड़ताल जारी है। एसपी गुरुकरण सिंह भी नर्मदापुरम से घटना स्थल पर पहुंचे और घटनाक्रम की खुद जांच कर रहे। इस सामूहिक आत्महत्या के पीछे चार तरह की बातें सामने आ रही है, जिसमें पिछले छह माह से वेतन नहीं मिलने, घरेलू परेशानी और कॉलेज के अंदर के विवाद सहित मृतक के पहले जो कर्मचारी पदस्थ था उससे जुड़ा मामला भी बताया जा रहा है। कॉलेज के बाबू राजेश रैकवार से भी इस घटना के तार जुड़ रहे हैं। पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। सभी पहलुओं पर पड़ताल जारी है। घटना स्थल मकान से सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस ने इसमें लिखी बातों का अभी खुलासा नहीं किया है।

पुलिस ने बताया कि पिपरिया शासकीय पीजी कॉलेज में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मकरन सिंह विश्वकर्मा (40) एवं उसकी पत्नी शशि विश्वकर्मा (35) तथा बेटी निमीता विश्वकर्मा (19) के फंदे से लटके हुए शव उसके घर के एक ही कमरे में मिले हैं। शव सीलिंग फेन से लटके हुए पाए गए। घटनाक्रम का पता सोमवार दोपहर 12 बजे मृतक मकरंद के भतीजे के घर पहुंचकर दरवाजा खटखटाने के बाद पता चली। पड़ौसियों ने खिड़की से झांककर देखा तो शव लटके हुए दिखाई दिए। सूचना के बाद पुलिस ने शवों को फंदों पर उतारकर शव वाहन से सरकारी अस्पताल ले जाकर पोर्टमार्टम कराया है। मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। पुलिस ने मृतक परिवार के रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है।

कॉलेज के स्पोर्ट्स विभाग में पदस्थ था
बताया जाता है कि मृतक मकरन सिंह विश्वकर्मा विगत 25 साल से पिपरिया के उक्त कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी पद (चपरासी) के पद पर कलेक्टर रेट पर अस्थाई तौर पर काम करता था। जनभागीदारी समिति के माध्यम से उसे रखा गया था। उसे बीते छह माह से वेतन नहीं मिल रहा था। लेकिन कॉलेज के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उसे अप्रेल माह तक वेतन का भुगतान किया जा चुका था। स्वभाव से हंसमुख था और उसकी परेशानी के बारे में कॉलेज प्रबंधन और साथी कर्मचारियों को कोई जानकारी नहीं थी।
पत्नी-बेटी लड्डू बनाकर बेचती थी
यह भी पता चला है कि मृतक मकरन सिंह विश्वकर्मा की पत्नी घर में परिवार की आय को बढ़ाने के लिए बेटी के साथ राजगिरा, मूंग, बेसन आदि के लड्डू बनाकर व्यवसाय करते थे। बेटी ने नर्मदापुरम के होमसाइंस लीड कॉलेज में भी बीते माहों में लगे उद्यमिता मेले में इन लड्डूओं का स्टॉल लगाया था।
इनका कहना है….
कॉलेज के उक्त दैवेभो कर्मचारी की पत्नी व बेटी के साथ फंदे लगाकर आत्महत्या करने के मामले में अभी स्पष्ट तौर पर कारण सामने नहीं आए हैं। तीनों के शव उसके घर में एक ही कमरानुमा हाल में फंदे से लटके हुए बरामद किए हैं। वेतन नहीं मिलने, आर्थिक परेशानी, घरेलु विवाद और मृतक की जगह पूर्व में पदस्थ कर्मचारी से अनबन जैसे बिंदु सामने आ रहे हैं। सभी पहलुओं पर गहराई से जांच-पड़ताल कराई जा रही है। जल्द ही घटनाक्रम का खुलासा कर दिया जाएगा।
-डॉ. गुरुकरण सिंह, एसपी नर्मदापुरम।

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