मत्स्य व्यापारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगें रखीं हैं। जिनमें प्रमुख मांग स्थाई मछली मार्केट जल्द से जल्द बनाने की है। यदि संघ की मांगों की सुनवाई नहीं होती है तो संघ और उनके परिजन विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
मोहन रायकवार, अध्यक्ष मत्स्य व्यापारी संघ इटारसी
मामले में बैठक कर निराकरण करेंगे
&संघ की तरफ ज्ञापन आया है। हम जल्द से जल्द से इस मामले में एक बैठक करेंगे और इस समस्या का निराकरण करने का प्रयास करेंगे।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ
एक करोड़ से प्रस्तावित है मछली बाजार
मत्स्य व्यापारी महासंघ की मांग पर नगरपालिका ने 20 जनवरी 2015 को पीआईसी की बैठक में स्थाई मछली मार्केट बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में दो मंजिला मछली मार्केट बनाने का प्रावधान था जिसमें मटन मार्केट भी शामिल था। 17 अप्रैल 2017 को नपा के बजट सम्मेलन में इस मछली बाजार के लिए 1 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था मगर अब तक कहीं कुछ नहीं हुआ है।
७४ साल पुराना बाजार
शहर का मछली बाजार ७४ साल पुराना है। स्थाई मार्केट नहीं होने से मत्स्य व्यापारी टपरे और झोपड़ों में मछली बेचने का व्यवसाय करते आ रहे हैं। गर्मी और बरसात में उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत उठाना पड़ती है। बरसों से मत्स्य व्यापारी संघ को सुव्यवस्थित मछली बाजार बनाकर देने की बात हो रही है मगर उस पर अमल नहीं हो रहा है।
मोहन रायकवार, अध्यक्ष मत्स्य व्यापारी संघ इटारसी
मामले में बैठक कर निराकरण करेंगे
&संघ की तरफ ज्ञापन आया है। हम जल्द से जल्द से इस मामले में एक बैठक करेंगे और इस समस्या का निराकरण करने का प्रयास करेंगे।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ
एक करोड़ से प्रस्तावित है मछली बाजार
मत्स्य व्यापारी महासंघ की मांग पर नगरपालिका ने 20 जनवरी 2015 को पीआईसी की बैठक में स्थाई मछली मार्केट बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में दो मंजिला मछली मार्केट बनाने का प्रावधान था जिसमें मटन मार्केट भी शामिल था। 17 अप्रैल 2017 को नपा के बजट सम्मेलन में इस मछली बाजार के लिए 1 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था मगर अब तक कहीं कुछ नहीं हुआ है।
७४ साल पुराना बाजार
शहर का मछली बाजार ७४ साल पुराना है। स्थाई मार्केट नहीं होने से मत्स्य व्यापारी टपरे और झोपड़ों में मछली बेचने का व्यवसाय करते आ रहे हैं। गर्मी और बरसात में उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत उठाना पड़ती है। बरसों से मत्स्य व्यापारी संघ को सुव्यवस्थित मछली बाजार बनाकर देने की बात हो रही है मगर उस पर अमल नहीं हो रहा है।