एसपी और एडीएम मौके पर
प्रदर्शन की सूचना पर एसपी और एडीएम मौके पर पहुंच गए। उन्होंने आश्वासन दिया है कि निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। बावजूद इसके ग्रामीण जाम पर डटे रहे। इसके बाद सभी ग्रामीण धरने पर बैठ गए। घटना के बाद से घंटों यहां से गुजरने वाले लोग परेशान होते रहे।
ट्रैक्टर-ट्राली में रखा शव
ग्रामीणों जाम लगाने के पहले मृतक का शव ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर बाबई बस स्टैंड के सामने रख दिया। जिससे पूरी तरह आवाजाही बंद हो गई। इसके बाद ग्रामीणों जुटते गए और सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर जोरदार नारेबाजी की।
यह था मामला
बीती रात गूजरवाड़ा गांव और कीरपुरा के बीच एक तेज रफ्तार डंपर ने पूर्व सरपंच देवनारायण यादव के भतीजे को कुचल दिया था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद भड़के ग्रामीणों ने यहां पर मौजूद दर्जनों डंपर आग के हवाले कर दिए थे। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस पर भी ग्रामीणों ने पथराव किया था। जिस पर कर्मी अपने वाहन छोड़कर भाग गए थे। बताया जाता है कि इस घटना के बाद बड़ी संख्या में वाहन जलकर राख हो गए थे।
पुलिसकर्मी अपनी जीप मौके पर ही छोड़कर भाग खड़े हुए थे। सूचना पर एसपी अरविंद सक्सेना ने एएसपी को पुलिस बल के साथ मौके पर रवाना किया। रात साढ़े 11 बजे तक ग्रामीणों का उत्पात जारी था।
पुलिस ने बताया कि घटना रात करीब साढ़े नौ बजे की है। गूजरवाड़ा निवासी किसान कृष्णकुमार पिता रामनारायण यादव (22) अपने कर्मचारी शिवप्रसाद यादव के साथ बाइक से घर लौट रहा था। रास्ते में गलत दिशा से आ रहे डंपर ने बाइक को टक्कर मार दी। इससे शिवप्रसाद दूर फिका गया लेकिन कृष्ण कुमार डंपर की चपेट में आ गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंच गए। डंपर में तोडफ़ोड़ कर आग लगा दी। चालक भाग गया। इसके बाद अन्य दो दर्जन डंपरों को आग के हवाले कर दिया। इनके चालक भी मौके से भाग खड़े हुए। सूचना पर बाबई पुलिस पहुंची तो उसके वाहन में भी तोडफ़ोड़ कर दी। पुलिस जवानों ने भागकर जान बचाई। एएसपी खाखा पचास जवानों और ब्रज वाहन को लेकर मौके पर पहुंचे। देर रात बमुश्किल उग्र भीड़ पर काबू पाया जा सका। सूत्र बताते हैं कि आसपास के मानागांव, कोटगांव, आंखमऊ गांव के यादव समाज के लोग भारी संख्या में पहुंच गए थे।