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होशंगाबाद

लॉक डाउन: एमपी की पहली खुली जेल, कैदियों के सामने आया यह संकट

खुली जेल के कैदी रोजाना मजदूरी कर पालते हैं परिवार को

होशंगाबादApr 06, 2020 / 12:03 am

बृजेश चौकसे

प्रदेश के जेलों से 417 बंदियों और कैदियों को रिहा किया गया, जेल मुख्यालय ने मंगवाई रिहाई योग्य कैदियों की सूची

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होशंगाबाद। मध्यप्रदेश की इकलौती खुली जेल होशंगाबाद में है। 25 परिवारों की क्षमता वाली इस जेल में अभी 18 कैदी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। यह कैदी रोजाना मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं लेकिन लॉक डाउन में इनके सामने परिवार पालने का संकट आ खड़ा हुआ है। इनके पास राशन की समस्या आ खड़ी हुई। कोरोना वायरस ने जेल में रहते हुए भी इनके सामने परिवार पालने का संकट खड़ा कर दिया। इससे यह मजदूरी पर नहीं जा पा रहे।
कैसी होती है खुली जेल
मध्य प्रदेश सरकार ने खुली जेल की अवधारणा की शुरूआत होशंगाबाद जिले से शुरू की। 17 एकड़ क्षेत्रफल में 32 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश की पहली खुली जेल बनाई गई। इसमें 25 कैदियों के रहने के लिए आवास बनाए गए हैं। यहां कैदी आवास में अपने परिवार के साथ रहते हैं और दिन-भर शहर में अपना काम-काज कर वापस शाम ढले अपने परिवार के पास जेल में बने आवास में लौट आते हैं। इसमें विशेष तौर पर ऐसे कैदियों का चयन किया जाता है जो कि आदतन अपराधी नहीं होते तथा 10-12 वर्ष की कैद के बाद उनकी सजा के अंतिम एक-दो साल ही शेष रहते हैं। खुली जेल में कैदियों को भेजने के लिये पूरी एक चयन प्रक्रिया है। मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही कैदियों का चयन किया जाता है। खुली जेल के कैदी बाहर जाकर रोजगार करते हैं। कोई केंटीन चलाता है तो कोई फल या सब्जी बेचता है। आमदनी से परिवार का भरण पोषण किया जाता है। उनके साथ पत्नी और बच्चे भी रहते हैं। बच्चे स्कूल भी जाते हैं। होशंगाबाद में अभी 18 कैदी हैं, जो बाहर मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे हैं।
कोरोना लाया संकट
कैदियों के सामने कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन से मजदूरी का संकट आ गया। इस कारण जेल अधीक्षक ने इन्हें एक माह का राशन उपलब्ध कराया। जेल अधीक्षक ऊषा राज ने बताया कि खुली जेल होशंगाबाद में 18 बंदी अपने परिवार के साथ मजदूरी का कार्य करते हुए परिवार का भरण पोषण कर जीवन यापन करते है। किंतु वर्तमान में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 21 दिनो का लॉकडाउन प्रभावी होने के चलते खुली जेल के बंदियो के समक्ष अपने परिवार के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए महानिदेशक जेल द्वारा खुली जेल में निवासरत बंदियो को एवं उनके परिवारो सहित भरण पोषण हेतु 1 माह का कच्चा राशन देने के निर्देश दिए गए है। उन्होने बताया कि महानिदेशक जेल द्वारा की गई इस पहल का पालन करते हुए खुली जेल के सभी बंदियो को 1 माह का कच्चा राशन प्रदान किया गया है।
जरूरतमंदो को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया
जिला आपूर्ति नियंत्रक होशंगाबाद ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन प्रभावी होने की स्थिति के कारण शासन के निर्देशानुसार बेघर, बेसहारा व्यक्तियो को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि नगरपालिका द्वारा चिन्हित ऐसे हितग्राहियो को शासकीय उचित मूल्य की दुकानो के विक्रयताओं द्वारा हितग्राहियो के घर जाकर निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है एवं अनुविभागीय अधिकार राजस्व, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियो द्वारा समक्ष में पात्र हितग्राहियो को निशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शासन के निर्देशानुसार पात्र परिवारो के प्रति सदस्य 5 कि.ग्रा. (गेहूं + चावल) निशुल्क खाद्यान्न का वितरण संपूर्ण जिले में किया जा रहा है।
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