अब स्कूली बच्चे व्यापारियों को ऐसे देंगे पॉलीथिन उपयोग करने का संदेश, बाटेेंगे कागज के बने लिफाफे
अब स्कूली बच्चे व्यापारियों को ऐसे देंगे पॉलीथिन उपयोग करने का संदेश, बाटेेंगे कागज के बने लिफाफे
सोहागपुर. शहर के छह किशोर वय विद्यार्थी अगले एक या दो दिनों में मुख्य बाजार क्षेत्र में व्यापारियों को कागज के लिफाफे वितरित करते नजर आएंगे। दरअसल ये बच्चे अवकाश के समय का उपयोग तो कर ही रहे हैं, इसके अलावा उनकी मंशा है कि पॉलीथिन के उपयोग को बंद किया जाए तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
स्थानीय सेंट पेट्रिक्स स्कूल के छह विद्यार्थी पिछले कुछ दिनों से अखबारी कागज के लिफाफे बनाने में जुटे हैं। विद्यार्थी आयुष सराठे, सानिध्य सोनी, अक्षत अग्रवाल, निश्चय जैन, नमन खंडेलवाल और देव बिल्लौरे का कहना है कि वे व्यापारियों को अखबारी कागज से बने लिफाफे मुफ्त में वितरित करेंगे तथा व्यापारियों से निवेदन करेंगे कि पॉलीथिन का उपयोग बंद करें। यदि इसका प्रभाव व्यापारियों पर पड़ता है तथा कुछ प्रतिशत भी पॉलीथिन का उपयोग बंद होता है तो यह बेहतर प्रयास साबित होगा। विद्यार्थियों का कहना है कि वे दोपहर के समय प्रतिदिन एक घंटे साथ में बैठते है तथा लिफाफे बनाते हैं। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कुछ कार्य करने का अवसर मिलता है।
पढ़ा और देखा
विद्यार्थियों ने बताया कि अखबारों के अलावा स्कूल में भी इस बात को कई बार सुना है और पढ़ा है कि पॉलीथिन अत्यधिक घातक है। टीवी में व अन्य सोशल मीडिया संसाधनों पर भी बार-बार यह बात बताई जाती है कि पर्यावरण, आमजनों के स्वास्थ्य, पृथ्वी की मिट्टी व मिट्टी के उपजाऊपन के लिए पॉलीथिन बहुत ही घातक है। शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा भी समय-समय पर पॉलीथिन के उपयोग के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाता है। इसलिए विद्यार्थियों ने तय किया कि जहां तक संभव होगा आमजनों में पालीथीन का उपयोग न करने की बात लेकर जाएंगे।
सबसे सुलभ मौत
विद्यार्थियों ने बताया कि पालीथीन वर्तमान में व्यापारियों व ग्राहकों के लिए सर्वाधिक सुलभ उपयोग की वस्तु है, जो कि आसानी से उपयोग की जा सकती है। लेकिन इस आसान, सुविधाजनक, सर्वाधिक उपयोगी वस्तु से पृथ्वी व पर्यावरण को कितना नुकसान है, यह संदेश व्यापारियों को देना है। जो कि हम विद्यार्थी स्कूल में समझ चुके हैं और अब आमजनों को समझाना बाकी है। उन्होंने कहा कि पालीथीन खाने से गौमाताओं की भी मौत हो चुकी है, इससे सिद्ध होता है कि पालीथीन पर्यावरण की सबसे सुलभ मौत का साधन है, इससे पर्यावरण को बचाना होगा, जिसके लिए वे प्रयास करेंगे।
अच्छी पहल
मुझे बताया गया है कि स्कूली बच्चे कागज के लिफाफे बाजार में व्यापारियों को वितरित करेंगे। तथा पालीथीन के उपयोग पर प्रतिबंध का संदेश भी देंगे। खुशी की बात है कि देश की भावी पीढ़ी इस बात को समझ रही है तथा संदेश भी दे रही है। हम भी विद्यार्थियों का लिफाफा वितरण में सहयोग करेंगे।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद, सोहागपुर।
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