वर्ष 2015 में हुए थे नोटिस जारी शहर में मौजूद नजूल की जमीन का आवासीय और व्यवसायिक उपयोग करने वाले पट्टाधारियों की वर्ष 2015 में एक सूची बनी थी। यह सूची तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर टीना यादव के समय बनी थी। इस सूची में करीबन 3 हजार लोग थे। इन सभी को नोटिस जारी कर पट्टों का नवीनीकरण नई गाइड लाइन के हिसाब से कराने का निर्देश दिया गया था। एक बार नोटिस देने के बाद प्रशासन ने सूची पर दोबारा फोकस ही नहीं किया है।
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पट्टाधारियों को जो नोटिस दिए गए थे उसमें कहा गया था कि शासन ने 11 जुलाई 2014 से स्थाई पट्टों की शर्त उल्लंघन, अपालन के मामलों के निराकरण के लिए शर्त तय की गई है। इसमें पट्टा अवधि अवसान के बाद नवीनीकरण के लिए गाइड लाइन के आधार पर बाजार मूल्य की 0.1 प्रतिशत राशि पट्टा अवसान तिथि जुर्माना राशि वसूली जाएगी। तय तिथि तक बकाया जमा नहीं करने पर 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। इस चेतावनी का पांच साल बाद भी कोई असर नहीं हुआ है। अब भी हजारों की संख्या में पट्टों का नवीनीकरण नहीं हो पाया है।
इन इलाकों में है नजूल की जमीन – संजय नगर वाला क्षेत्र
-कलेक्टे्रट से भीलपुरा तक का क्षेत्र -नर्मदा घाट से ग्वालटोली
—— किसने क्या कहा
यह अभी बताना मुश्किल है कि कितने लोगों ने पट्टों का नवीनीकरण कराया है। जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। इसमें देखेंगे कि जिन लोगों ने लीज नवीनीकरण नहीं कराया है उन्हें रिमाइंडर भेजकर नवीनीकरण कराने के लिए कहा जाएगा।