ट्रंप के बाद ब्रिटेन ( Britain ) और फ्रांस भी चीन को इसी नजरों से देख रहे है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने कहा है कि कोरोना महामारी का असर ब्रिटेन और चीन के संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संकट से उबरने के बाद चीन के साथ व्यापार सामान्य नहीं हो पाएगा।
दूसरी ओर फ्रांस ( France ) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी चीन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मानना बेवकूफी होगा कि चीन ने बेहतर तैयारियों के साथ इस माहामारी का सामना किया। असल में सच यही है कि बहुत सी बातें ऐसी रही हैं जिनके बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम है।
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ब्रिटेन कराएगा जांच कि कैसे फैला कोरोना
ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने सख्त लहजे में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर ये पता किया जाएगा कि आखिरकार ये महामारी किस तरह से फैली। वहीं ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता विलियम हेग ने कहा, 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी हुवावे की मौजूदगी पर कड़ा कदम उठाना होगा ताकि हमारी उस पर निर्भरता न रहे।
फ्रांस ने चीनी राजदूत तलब
फ्रांस में चीन के राजदूत को तलब किया गया। एक लेख को लेकर नाराजगी जताई गई जिसमें लिखा गया था कि यूरोप में बुजुर्गों को केयर होम में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। हालांकि राजदूत ने गलती से लेख प्रकाशित होने की बात कहकर अपनी जान बचाई।
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अमेरिका के सीनेटर बोले कि चीन के खिलाफ जांच जरूरी
अमेरिका के सीनेटरों के एक समूह ने ट्रंप से कहा कि चीन द्वारा डब्ल्यूएचओ के कथित दुरुपयोग के संबंध में जांच कराएं। इसके साथ ही इस बीमारी के मूल स्रोत और संकट के संबंध में पारदर्शी एवं निष्पक्ष जांच करने के लिए अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करें।