सिर्फ छूने या छींकने से ही नहीं इंसानी मल से भी फैल रहा कोरोनावायरस, सैंपल टेस्ट निकला पॉजिटिव
प्रत्येक 100 साल में कोई न कोई महामारी ( One Epidemic in 100 Years Viral Post )
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि वैज्ञानिक सिद्घांत के अनुसार, प्रत्येक 100 साल में कोई ना कोई महामारी जरूर होती है। प्रकृति वास्तव में रहस्मयी है। पोस्ट में कई महामारियों का जिक्र भी किया गया है। जिसमें 1720 में प्लेग, 1820 में कॉलेरा यानी हैजा, 1920 में स्पेनिश फ्लू और 2020 में कोरोन…।
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क्या है सच्चाई ?
चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। चीन में हाहाकार मचाने के बाद इस वायरस ने अन्य देशों को भी चपेट में ले लिया। अब तक 180 देशों में यह वायरस फैल चुका है और अब तक 7500 से ज्यादा लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी है। सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है और तथ्यों को गलत दिखाया गया है। पोस्ट में बताया गया कि 1720 में ब्लैक डेथ यानी प्लेग फैला था, जबकि अमेरिका के ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक डेथ 1347 से 1351 में फैला था। इसी तरह पोस्ट में दावा किया गया कि कॉलेरा यानी हैजा 1820 में फैला था, लेकिन द लैंसेट के रिपोर्ट के अनुसार यह 1817 से 1923 के बीच फैला था। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक स्पेनिश फ्लू 1918 में फैला था। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता का भी कहना है कि इस तरह का कोई संयोग नहीं है।