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डाउन सिंड्रोम पीड़ित बच्ची को गोद लेकर कायम की मिसाल, ऐसा करने वाले बने पहले भारतीय

दिल्ली के इस जोड़े ने कायम की अनोखी मिसाल
डाउन सिंड्रोम पीड़ित बच्ची को लिया गोद और दे रहे हैं ढ़ेर सारा प्यार

May 30, 2019 / 03:18 pm

Priya Singh

डाउन सिंड्रोम पीड़ित बच्ची को गोद लेकर कायम की मिसाल, ऐसा काम करने वाला बना पहला भारतीय जोड़ा

नई दिल्ली। तीन साल पहले एक जोड़े कविता बलूनी और हिमांशु ककटवान असाधारण करुणा दिखते हुए डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्ची को गोद लिया। कविता और हिमांशु ऐसा करने वाला भारत का पहला और एक मात्र जोड़ा है। कविता को हमेशा यह बात खटकती थी कि जैविक बच्चे की लालसा आखिर लोगों को क्यों रहती है जबकि ऐसे कई बेशहारा बच्चे हैं जिन्हें प्यार, देखभाल और एक घर की ज़रुरत है।

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कविता और पति हिमांशु ककटवान का मानना है कि ‘जैविक और जोद लिए गए बच्चे में कोई अंतर नहीं होता। बच्चे सिर्फ बच्चे होते हैं जिन्हें प्यार की ज़रूरत होती है, और एक जैविक होने के बजाय, उन लोगों के लिए क्यों नहीं चुना जाता है जिन्हें वास्तव में परिवार की आवश्यकता होती है।’

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जब वेदा कविता और हिमांशु ने अपने जीवन का हिस्सा बनाया तब वह महज 14 महीने की थी। यह नसीब की ही बात थी कि वेदा उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बनी। अमेरिका ( America ) में रह रहे कविता और हिमांशु इधर किसी डाउन सिंड्रोम बच्चे को गोद लेने की सोच ही रहे थे उधर भारत के एक रेलवे स्टेशन में डाउन सिंड्रोम ( Down Syndrome ) एक छह महीने की बच्ची को कोई छोड़ गया था। भारत आकर कविता और हिमांशु ने वेदा को अडॉप्ट किया। अडॉप्टेशन के 45 दिन बाद वेदा उनकी ज़िंदगी में आ गई और उसे रोशन कर दिया।

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