आगरा के पैरा ड्रोपिंग जोन में हुए इस हादसे में हरदीप का पैराशूट नहीं खुल पाया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। मूल रूप से पंजाब के पटियाला के रहने वाले हरदीप के गांव तलवंडी मलिक के चप्पे-चप्पे पर मातम साफ तौर पर देखा जा सकता है। हरदीप पूरे गांव के लाडले थे, और सभी गांव वाले उन्हें बहुत चाहते थे।
हादसे से एक दिन पहले ही हरदीप ने अपनी मां अकविंदर कौर से फोन पर बात भी की थी। हरदीप ने मां से बातचीत के दौरान कहा था कि वह घर लौट रहे हैं और उन्होंने मां के हाथ से बनी मिठाई खाने की फरमाइश की थी। हरदीप ने मां से कहा था कि घर आने पर उनके पसंद की मिठाई तैयार मिलनी चाहिए। हरदीप की मां ने बताया कि वे बेटे की ख्वाहिश को पूरा करने में जुटी हुई थीं, कि उन्हें ऐसी खबर मिली..जिसने उनकी पूरी दुनिया को ही मिटा कर रख दिया।
हरदीप की मौत की खबर गुरुवार दोपहर उनके पिता भूपिंदर सिंह को मिली। बेटे की मौत की खबर सुनते ही पिता के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। हरदीप परिवार का न सिर्फ इकलौता बेटा था, बल्कि घर में बनने वाली एक-एक रोटी भी उन्हीं के सेलरी की बदौलत बनती थी। थोड़ी ही देर में हरदीप का शव उनके गांव पहुंचने वाला है।