मां के अंतिम संस्कार को निकला था बेटा, लॉकडाउन में खानी पड़ी लाठियां, नहीं दे सका मुखाग्नि
Lockdown Negative Impact : राजस्थान का रहने वाला था शख्स, मां के निधन की खबर सुनकर राजस्थान के लिए हुआ था रवाना
लॉकडाउन के चलते गुजरात पुलिस ने नहीं दी एंट्री, पुलिसवालों पर अमानवीय बर्ताव करने का आरोप
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) पर काबू पाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) कर दिया गया है। इससे कई लोगों को तकलीफ भी हो रही है। इनमें संसाधनों की कमी के चलते दूसरे शहरों में फंसे हुए लोग शामिल हैं। हालत ये है कि कई लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार तक के लिए घर नहीं जा पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मुंबई का सामने आया। ठाणे में फर्नीचर का कारोबार करने वाले एक शख्स की मां का देहांत हो गया था। चूंकि वह राजस्थान का रहने वाला था इसलिए अंतिम संस्कार के लिए उसे अपने घर को रवाना होना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे पुलिस के अमानवीय व्यवहार (Cruel Behaviour) का सामना करना पड़ा।
कोरोना के कहर में डॉगी बना सुपरस्टार, गले में पर्चा टांगकर मालिक के लिए लेने पहुंचा चिप्स बताया जाता है कि भैरों लाल नाम के शख्स की मां का निधन 25 मार्च को हुआ था। जैसे ही उसे इस घटना का पता चला उसने जैसे-तैसे जोर-जुगाड़ लगाकर एक एंबुलेंस की व्यवस्था की जिससे वह राजस्थान जा सके। साथ ही अपने घरवालों से कहकर मोबाइल पर मृत्यु प्रमाण पत्र की स्कैन कॉपी मंगवाई जिससे उसे रास्ते में दिक्कत न हो। वह इन सारी तैयारियों के साथ अपनी बीवी और अन्य परिजनों के साथ राजस्थान के लिए रवाना हुआ। महाराष्ट्र में तो उसे कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन जैसे ही गाड़ी गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो भैरों लाल को झटका लग गया।
गुजरात पुलिस ने उसे आगे जाने से मना कर दिया। भैरों ने उन्हें अपनी मां के निधन के बारे में बताया। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी भी दिखाई। मगर पुलिस ने एक न सुनी। वह रो—रोकर अपना हाल बता रहा। उसके कई बार निवेदन करने से गुस्साए पुलिस वालों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। साथ ही आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे लाठी—डंडों से बुरी तरह से पीटा और उसे राजस्थान नहीं जाने दिया। जिसके चलते भैरों अपनी मां को मुखाग्नि तक नहीं दे पाया। मजबूरी में अन्य परिजनों को उसकी मां का अंतिम संस्कार करना प
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