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Valentine Week 2021: पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की बेटी इश्क में बनीं बागी, दो सरहदों के बीच अटक कर रह गई दीना की जिंदगी

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (Pakistan’s founder Ali Jinnah)की बेटी ने अपनी मोहब्बत को कुर्बान नहीं होने दिया
रचाई थी गैर-मुस्लिम से शादी

Feb 09, 2021 / 07:17 pm

Pratibha Tripathi

Pakistan's founder Ali Jinnah

Pakistan’s founder Ali Jinnah

नई दिल्ली। कहते हैं कि प्यार में सब कुछ जायज है। क्योंकि इस रिश्ते में आने के बाद लोग ना तो धर्म देखते है ना ही जाति। जिसे दिल देदिया तो उसके लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए सभी हदें पार कर जाते है। आज हम वैलेंटाइन वीक में ऐसी शख्सियत के बारे में बता रहे है जिसने मजहब की दीवार को भी अपने प्यार के आड़े नही आने दिया था। और वो थीं पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दीना, जिनकी प्रेम कहानी के बारे में शायद ही कोई जानता होगा।

दीना, मोहम्मद अली जिन्ना की इकलौती बेटी थीं। लेकिन दीना को अपनी राजनीतिक विरासत और साहसिक फैसलों से कम अपने पिता से टकराव के लिए काफी जाना जाता है। दीना वाडिया का जन्म 15 अगस्त 1919 को हुआ था। वह मोहम्मद अली जिन्ना और रति बाई पेटिट की बेटी थीं दीना ने जन्म से ही अपने माता-पिता को हैरान करना शुरू कर दिया था। उनका जन्म उस समय हुआ थ जब जिन्ना और उनकी पत्नी सिनेमा में एक फिल्म देख रहे थे। अपनी मां के जैसे ही रूपरेखा पाने वाली इस लड़की ने जब मां के धर्म के लड़के से शादी करनी चाही, तो पिता ने इसका घोर विरोध किया। कहा जाता है कि दीना की मां पारसी थीं और जिन्ना से शादी करने के लिए उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया था। जिन्ना भी यही चाहते थे कि वो इस्लाम में अपनी शादी करे।

लेकिन दीना एक गैर-मुस्लिम लड़के को दिल दे बैठीं थी। और जब शादी की इच्छा जाहिर की तो पिता इसके लिए तैयार ना हुए। जिन्ना ने नेविले के मुस्लिम ना होने की वजह से इंकार कर दिया, लेकिन दीना ने अपने पिता को यह बात याद दिलाई कि उनकी मां भी एक पारसी महिला ही थीं। तो क्यो नही कर सकती वो शादी?

नेविले भले ही धनी व्यक्ति थे लेकिन उनमें दो बड़ी खामियां यह थी कि वो धर्म से पालसी थे दूसरा उनके पिता सर नेस वाडिया भारत में मशहूर कपड़ा उद्योगपति थे। और भारत में ही रहते थे। पिता के लाख मना करने के बाद भी दीना ने नेविले वाडिया से शादी रचा ली और भारत आने को तैयार हो गई। इतना ही नही जिन्ना ने आजादी के बाद दीना को पाकिस्तान आने के लिए भी कहा लेकिन दीना ने पति और ससुराल वालों को छोड़कर आने से मना कर दिया। और देश दो भागों मे विभाजित हो गया। बेटी के पाकिस्तान ना आने से जिन्ना का बहुत बड़ा झटका लगा। कुछ साल बाद जब दीना ने पिता से मिलने की कोशिश की, तो उन्हें वीजा नहीं दिया गया।

भारत आने के बाद दीना-नेविले का रिश्ता भी ज्यादा दिन तक नही चल सका । दो बच्चों नुस्ली और डियाना के पैदा होने के 5 साल के बाद ही शादी टूट गई। दोनों अलग-अलग रहने लगे। अपनी पूरी जिंदगी में दीना सिर्फ दो बार ही अपने देश पाकिस्तान जा सकीं। पहली बार 9 सितंबर 1948 को अपने पिता के अंतिम संस्कार पर वह पाकिस्तान पहुंची थीं। और पिता के अंतिम संस्कार के बाद दीना तुरंत मुंबई लौट आईं।
दीना दूसरी बार मार्च 2004 में लाहौर में हुए पाकिस्तान और भारत के बीच एक क्रिकेट मैच को देखने पहुंची थीं कहा जाता है वह अपने पिता के घर वाजिर हवेली भी गईं। जहां पर कमरे में रखीं पिता, उनकी मां और बुआ की कई तस्वीरों की फोटोकॉपी करवाने के लिए उन्होंने कहा।
दीना की पूरी जिंदगी दो सरहदों के बीच अटककर रह गई। 98 साल की उम्र में 2 नवंबर 2017 दीना का निधन भारत की ही धरती पर हो गया।

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