2021 के आखिरी सूर्य ग्रहण का समय (Surya grahan 2021 timing)
शनिवार, 4 दिसंबर को लगने वाले इस आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार सुबह 10:59 बजे से होगी। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 12 बजकर 30 बजे से शुरू होगा और अधिकतम ग्रहण दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण दोपहर 01:32 बजे समाप्त होगा, जबकि अंत में आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 3:07 बजे समाप्त होगा।
जानकारों के अनुसार शनिवार 4 दिसंबर को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा, जो एक ध्रुवीय ग्रहण के रूप में दिखाई देगा, जो अंटार्कटिका महाद्वीप पर होगा। यह भारत से दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसे दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी अटलांटिक के देशों से देखा जा सकेगा।
शनि अमावस्या तिथि व समय (Surya grahan on Shani Amavasya)
हिंदू पंचाग के अनुसार हिंदी कैलेंडर के नवें माह मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि शुक्रवार 03 दिसंबर को शाम 04 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होगी, और इसका समापन शनिवार, 04 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि की वजह से शनैश्चरी अमावस्या शनिवार, 04 दिसंबर को मान्य रहेगी।
इस बार क्यों खास है ये सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष के जानकार एके उपाध्याय के अनुसर इस ग्रहण के दौरान सूर्य का केतु से संयोग बनगा, वहीं इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग रहेगा। सूर्य और केतु का योग जहां दुर्घटनाओं और त्रासदियों जैसी स्थितियों का निर्माण करता दिख रहा है। वहीं इसके फलस्वरूप राजनीति में भी उथल-पुथल होने संभावना बनती दिख रही है।
सूर्य के इस ग्रहण व ग्रहों के संयोग के प्रभाव से बीमारियों के फैलने और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने के अंदेशे से इंकार नहीं किया जा सकता।
ज्योतिष के जानकार पंडित एसके शुक्ला के अनुसार ग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान किए जाने वाले कुछ उपाय दोनों ही ग्रहों को अनुकूलता प्रदान करते हैं। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में-
ये उपाय करते हैं अनुकूलता प्रदान (Surya grahan 2021 upay)
सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान शत्रुओं के अंत के लिए काले तिल,धन के लाभ के लिए अनाज, विपत्ति से सुरक्षा के लिए छाता और शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए सरसों का तेल दान करना उचित माना जाता है।
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ये भी है खास
वहीं जानकारों के अनुसार शनि अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। जिसके पश्चात शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें। इस दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक भी करना चाहिए।
इसके बाद शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन कर उनसे शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें। वहीं शनि अमावस्या और ग्रहण पर शनि-दोष से छुटकारा के लिए शमी-पेड़ की पूजा करना भी विशेष माना जाता है। जबकि ग्रहण समाप्त होने के बाद शाम के वक्त इस पेड़ के नीचे सरसों का दीया अवश्य जलाना चाहिए।
इस दिन शनि मंदिर जाकर साफ-सफाई करें और शनिदेव को नीला फूल चढ़ाएं। इसके अलावा इस दिन शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें, माना जाता है कि ऐसा करने से शनि के प्रकोप का भय समाप्त हो जाता है और सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर
मेष- अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ ही सड़क पर आते जाते व उंचाई पर रहते समय सावधान रहें।
वृष- अपने व्यापार और वैवाहिक जीवन का खास ध्यान रखें।
मिथुन- समय अच्छा है, आपकी बाधाएं धीरे धीरे दूर हो जाएंगी।
कर्क- अपने स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का विशेष ध्यान रखें।
सिंह- व्यर्थ की चिंता और विवाद से दूर रहना होगा।
कन्या- आपके रुके हुए काम धीरे धीरे पूरे होते चले जाएंगे।
तुला- पारिवारिक जीवन का खास ध्यान रखते हुए, दुर्घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना होगा।
वृश्चिक- हर कार्य के दौरान सावधान रहें और निर्णय को लेकर भी सतर्क रहें।
धनु- हर उस कार्य से बचें जिसमें दुर्घटना या अपयश की जरा सी भी संभावना हो।
मकर- ये समय जीवन में बड़ा और लाभकारी परिवर्तन लेकर आता दिख रहा है।
कुम्भ- इस समय कार्यों में सफलता मिलेगी.
मीन- अपने निर्णयों और विवाह के मामले को लेकर विशेष सावधानी रखें।