प्रेरणास्रोत है चेतन की मेहनत
बताते चलें कि चेतन का परिवार काफी गरीब है। ऐसे में परिवार का खर्च चलाने के लिए चेतन अपने पिता के साथ चाय का ठेला लगाता था। साथ ही एक निजी स्कूल में पढ़ाने का भी काम करता था। इसके बाद बचे हुए समय में पढ़ाई भी करता था। पढ़ाई और काम के बीच सामंजस्य बनाना चेतन अच्छे से जानता था। यही कारण है कि आज अपनी मेहनत और लगन की बदौलत चेतन ने शिक्षक ग्रेड सेकंड की परीक्षा पास की है। कल तक चाय का ठेला लगाने वाला चेतन आज युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। खास बात यह है कि उसकी सफलता का पूरा गांव जश्न मना रहा है।
सरकारी नौकरी के रूप में मिला परिणाम
गौरतलब है कि चेतन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानता है। अपनी सफलता पर वो कहता है कि पीएम मोदी चाय बेचकर पीएम बन सकते हैं तो मैं शिक्षक क्यों नहीं बन सकता हूं। यही सोचकर मैने अपना लक्ष्य निर्धारित किया और फिर इसी दिशा में मेहनत करना शुरू कर दिया। बाद में समय के साथ शिक्षक बनने के रूप में इसका परिणाम भी मिला। अच्छी बात यह है कि चेतन उन नौजवानों के लिए नजीर है जो आर्थिक समस्या या फिर किसी पारिवारिक समस्या के चलते पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।