आपको जानकारी के लिए बता दें कि, थाईलैंड सरकार ने फंसे बच्चों को निकालने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी थी। भारत की तरफ से इस रेस्क्यू में योगदान के तौर पर भारत ने हैवी केबीएस फ्लडपंप थाईलैंड भेजा था, इसी हैवी केबीएस फ्लडपंप से गुफा मेंलेकिन में पानी का स्तर कम किया गया जिससे फंसे बच्चों और उनके कोच को बचाने में बहुत मदद मिली। गौरतलब है कि गुफा में बचने वाले 12 युवा खिलाड़ी 11 से 16 आयुवर्ग के बीच थे। उनके साथ 25 वर्षीय कोच भी उसी थियाम लुआंग नामक गुफा में 23 जून को फंस गया था, जो उत्तरी थाईलैंड के चियांग राई प्रांत में है।
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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के आदेश पर केबीएस का हैवी फ्लडपंप महाराष्ट्र के सांगली जिला स्थित किर्लोस्कर समूह की कंपनी से भेजा गया था। किर्लोस्कर कंपनी के डिजाइनर हेड प्रसाद कुलकर्णी बीते शुक्रवार की रात को हैवी फ्लडपंप लेकर थाईलैंड रवाना हुए थे। इस हैवी फ्लडपंप के जरिए गुफा से पानी निकालने का काम शुरू किया गया जिससे रेस्क्यू में काफी मदद मिली।