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साल 2001 को 1 जून को सबसे पहले वर्ल्ड मिल्क डे ( World Milk Day ) मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य था कि दुग्ध का जन-जन तक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्राकृतिक दुग्ध के सभी पहलुओं के बारे में आम जनता को जागरूक किया जा सके। लोगों को एहसास कराया जा सके कि दूध हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के द्वारा 1 जून को विश्व स्तर पर हर साल मनाने के लिए वर्ल्ड मिल्क डे की पहली बार स्थापना की गई थी। वर्ल्ड मिल्क डे के पूरे उत्सव को दूध को एक वैश्विक भोजन के रुप में केंद्रित किया जाता है।
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अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के द्वारा अपनी वेबसाइट पर ढेर सारे विज्ञापन संबंधी कामों की शुरुआत की गई। दूध शरीर के द्वारा सभी पोषक तत्वों का काफी अच्छा स्त्रोत है। इसमें मैगनिशियम, कैल्शियम, ऑयोडीन, जिंक, पोटेशियम, फॉसफोरस, आइरन, विटामिन ए, विटामिन डी, फोलेट्स, स्वस्थ फैट, प्रोटीन विटामिन बी12 और राइबोफ्लेविन मौजूद रहता है। आज के बदलते दौर में दूध उत्पादन से भारत ने विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। दूध शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है, जिसके चलते सभी को इसे पीना चाहिए।