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हुबली

शिक्षा और स्कूल से दूर 217 बच्चे

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग का सर्वेक्षण14 और 15 वर्ष आयु वर्ग में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक6 से 18 आयु वर्ष के बच्चों का किया सर्वे

हुबलीDec 28, 2023 / 12:04 pm

Zakir Pattankudi

शिक्षा और स्कूल से दूर 217 बच्चे

शिक्षा और स्कूल से दूर 217 बच्चे

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग का सर्वेक्षण
14 और 15 वर्ष आयु वर्ग में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक
6 से 18 आयु वर्ष के बच्चों का किया सर्वे
बेलगावी. राज्य सरकार बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बना रही है इसके बावजूद कई बच्चे स्कूल की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि चालू शैक्षणिक वर्ष में 6 से 18 वर्ष की आयु के 217 बच्चे स्कूल से बाहर हैं।
पिछले साल स्कूल शिक्षा विभाग ने 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का सर्वे कराया था। उस समय, यह ज्ञात हुआ कि बेलगावी शैक्षिक जिले में 79 और चिक्कोडी शैक्षिक जिले में 29 सहित 108 बच्चे स्कूल से अनुपस्थित थे। इस बार 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग का सर्वेक्षण किया गया और बेलागवी शैक्षणिक जिले में 114 और चिक्कोडी में 103 बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। 14 और 15 वर्ष आयु वर्ग में स्कूल छोडऩे वालों की संख्या सबसे अधिक है। लड़कियों का अनुपात लडक़ों से अधिक है।
बेलगावी शैक्षणिक जिले में 7 और चिक्कोडी में 8 जोन समेत पूरे जिले में 15 जोन हैं। इनमें स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की सूची में निप्पानी (34), चिक्कोडी (32), खानापुर और रामदुर्ग जोन (25-25) सबसे आगे हैं।
क्या है कारण?
एक अधिकारी ने बताया कि अभिभावकों की उदासीनता, घर का काम, बचपन में ही पारिवारिक जिम्मेदारियां आदि के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। बाल विवाह के कारण कुछ लड़कियां स्कूल छोड़ दे रही हैं। ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ बच्चे सूखे के कारण अपने माता-पिता के साथ रोजगार की तलाश में उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र चले गए हैं। सिर्फ लंबे समय तक स्कूल छोडऩे वाले ही नहीं, अगर कोई बच्चा एक सप्ताह से अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है तो भी हम तुरंत घर जाकर जानकारी प्राप्त करते हैं।
स्कूल में दाखिला दिलाने का करेंगे प्रयास
सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर हम स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के घरों का दौरा करेंगे। हम बाहरी राज्यों को गए बच्चों से संपर्क करने के लिए वहां के अधिकारियों को लिखेंगे। हम बच्चों को राज्य में लाकर स्कूल में दाखिला दिलाने का प्रयास करेंगे। अगर नहीं आने पर हम उस राज्य के स्कूलों में तो दाखिला करेंगे।
मोहनकुमार हंचाटे, डीडीपीआई, चिक्कोडी एवं प्रभारी डीडीपीआई, बेलगावी

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