बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहें अधिकारी
बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहें अधिकारी
बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहें अधिकारी
बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहें अधिकारी
-जिलाधिकारी नितेश पाटील ने कहा
-जिला स्तरीय समिति की त्रैमासिक प्रगति जांच बैठक
धारवाड़
बाल विवाह निषेध कानून के अंतर्गत जिलाधिकारी कार्यालय की सभागृह में जिलाधिकारी नितेश पाटील की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की त्रैमासिक प्रगति जांच बैठक हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी नितेश पाटील
ने कहा कि बाल विवाह को रोकने की दिशा में ग्रामीण तथा तालुक स्तरीय अधिकारियों को सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए। उन्होंने बाल विवाह आयोजित करने वाले व्यक्ति, संगठन के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करने को कहा।
उन्होंने कहा कि पंजीकृत संगठन, संस्थान की ओर से आयोजित
होने वाले विवाह को मात्र अनुमति दी जानी चाहिए। यदि कोई संगठन, संस्थान, ट्रस्ट सामूहिक विवाह की आड़ में बाल विवाह करने का प्रयास करने वाले
संगठनों को ब्लैक लिस्ट में शामिल कर एफआईआर दर्ज करने को कहा।
उन्होंने
कहा कि बीते अप्रेल 2021 से अभी तक 19 बाल विवाह को अधिकारियों ने रोका है। धारवाड ग्रामीण क्षेत्र में 2 हुब्बल्ली में 1 तथा नवलगुंद में एक इस प्रकार कुल चार बाल विवाह हुए हैं। बाल विवाह करने वालों के
खिलाफ मामला दर्ज कर ठोस कदम उठाया गया है।
बैठक में उपस्थित जिला पंचायत मुख्यकार्यकारी डॉ. सुशीला बी. ने कहा कि
जिले के 71 कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा महिला
तथा बाल विकास विभाग को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने किम्स
अस्पताल में स्थित बच्चों के विशेष वार्ड में कुपोषित बच्चों को भर्ती
करवाकर उपयुक्त पोषणयुक्त खाद्य व औषधि उपलब्ध करवाकर जिले को कुपोषित
बच्चो से मुक्त जिला बनाने को कहा। मंच पर आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी
मधुकर गित्ते, कर्नाटक राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अशोक
यरगट्टी सहित जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा राजेश्वरी सालगट्टी
उपस्थित थी। बैठक में महिला तथा बाल विकास विभाग की उपनिदेशक डॉ. एचएच
कुकनूर, उपपुलिस अधीक्षक एमबी सुंकद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत
मदीनकर, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी डॉ. कमलव्वा बैलूर सहित कई उपस्थित थे।
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