Education: कर्नाटक में इस साल से चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री नहीं, पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा थी
अब राज्य शिक्षा नीति आयोग की सिफारिश के बाद वापस लिया
कर्नाटक में इस साल से चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री नहीं रहेगी। यह पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा थी लेकिन अब राज्य शिक्षा नीति आयोगन की सिफारिश के बाद इसे वापस ले लिया गया है। राज्य शिक्षा नीति आयोग की अंतरिम रिपोर्ट की सिफारिशों के बाद कर्नाटक सरकार ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से चार साल की ऑनर्स डिग्री वापस ले ली। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने एक दिन पहले ही आदेश जारी किया था। इसके तहत तीन-वर्षीय डिग्री कार्यक्रमों को बहाल किया, जो 2021-22 शैक्षणिक वर्ष तक मौजूद थे। लेकिन इन बदलावों का वर्तमान में 2021-22, 2022-23 और 2023-24 बैच में नामांकित छात्रों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्नातक की पढ़ाई पूरी होने तक वे मौजूदा व्यवस्था में ही बने रहेंगे। आदेश में कहा गया है कि यदि चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रम उन कॉलेजों में उपलब्ध नहीं हैं जिनमें वे पढ़ रहे हैं, तो छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा पहचाने गए कॉलेजों की सूची में से एक कॉलेज का चयन करने के लिए कहा गया है। आयोग ने कहा कि डिग्री की संरचना और अवधि को चार साल तक बदलने का कारण यह दर्शाता है कि इसका उद्देश्य वैश्विक शिक्षा प्रणालियों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमरीका प्रणाली के साथ समानता लाने की इच्छा है, ताकि स्नातक छात्रों के प्रवेश को सुविधाजनक बनाया जा सके। चार साल का डिग्री कार्यक्रम रखने से संभवत: गरीबों, सामाजिक रूप से वंचित समूहों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए स्नातक शिक्षा तक पहुंच कम हो जाएगी। इसके अलावा चार-वर्षीय यूजी कार्यक्रम शुरू करने के लिए कॉलेजों की अनिच्छा के कारणों में से एक के रूप में भौतिक बुनियादी ढांचे की कमी और सुविधाओं तथा संकाय की अनुपलब्धता का उल्लेख किया गया है।
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