कैगा की 5-6 इकाई स्थापना का विरोध[typography_font:14pt;” >हुब्बल्ली/कारवारपेजावरमठ के विश्वेश्वर तीर्थ स्वामी ने कहा कि देश की जल, जमीन, वायु, आकाश, प्राकृतिक संपदा की रक्षा करनी चाहिए। प्राकृतिक संपदा का नुकसान नहीं होना चाहिए। कैगा परमाणु विद्युत योजना के लिए आरम्भ से ही विरोध व्यक्त किया था। इसके बावजूद इसकी स्थापना हुई। विश्वाश्वर तीर्थ स्वामी कैगा परमाणु विद्युत संयंत्र की पांचवीं तथा छठी इकाई निर्माण के विरोध में कारवार तालुक के मल्लापुर कालिका देवी मैदान में हिन्दू वाडा सभा भवन में रविवार शाम को आयोजित जनजागरुकता सम्मेलन का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परमाणु संयंत्र से हो रहे परिणाम को हम देख रहे हैं। इस योजना का विस्तार नहीं होना चाहिए। इस बारे में सभी को एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिए। आंदोलन के लिए सभी को साथ देना चाहिए। अब तो जन भावनाओं को समझ कर इस योजना के विस्तार का फैसला रद्द करना चाहिए। पेजावरमठ के विश्वेश्वर तीर्थ स्वामी ने कहा कि कैगा परमाणु विद्युत संयंत्र की पांचवीं तथा छठी इकाई की स्थापना के विरोध में केंद्र सरकार के पास प्रतिनिधि मंडल ले जाने को तैयार हैं। पृथ्वी प्रतिधारण क्षमता का अध्ययन किए बिना नई योजना को लागू करना सही नहीं है। स्वर्णवल्ली के गंगाधरेंद्र स्वामी ने कहा कि भगवान ने हमें प्रकृति के रूप में बहुत सारे तोहफे दिए हैं। इनकी रक्षा कर विकसित करना हमारा कर्तव्य है परन्तु हम किसी ना किसी तौर पर प्रकृति को क्षति पहुंचाते रहे हैं। विद्युत उत्पादन के लिए अन्य मार्ग होने पर परमाणु की जरूरत क्यों पड़ी। कैगा परमाणु संयंत्र 5-6 इकाई विरोधी समिति के अध्यक्ष तथा जिला पंचायत सदस्य शामता बांदेकर ने कहा कि परमाणु संयंत्र का विस्तार नहीं करना चाहिए। इसे केंद्र में सत्ता में स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को समझना चाहिए। प्रधानमंत्री चाहे तो इस पर रोक लगा सकते हैं। वैज्ञानिक टीवी रामचंद्र ने कहा कि निजी संस्थाओं के परीक्षण करने पर पानी में विकरण के तत्व पाए जाते हैं परन्तु सरकार की ओर से किए जाने वाले परीक्षण में नहीं होते। सोंदा स्वर्णवल्ली जैन मठ के भट्टाकलंक भट्टारक स्वामी ने कहा कि कूडंकुलं में परमाणु विद्युत संयंत्र स्थापना का विरोध करने वालों के खिलाफ देशद्रोह समेत 56 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। पर्यावरण, जीव विरोधी योजनाओं का विरोध करना क्या देशद्रोह है।पांच निर्णय किए गएसम्मेलन में कैगा परमाणु संयंत्र की पांचवीं तथा छठी इकाई की स्थापना नहीं होनी चाहिए। चार इकाईयों से स्वास्थ्य पर हुए दुष्प्रभावों की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। पर्यावरण को खतरा, वन नाश के बारे में विशेषज्ञों से अध्यन करानी चाहिए। कैगा के आसपास के गांवों को सौर ऊर्जा की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। नागरिक सुरक्षा समिति का गठन करना चाहिए आदि निर्णय किए गए। सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्म गुरु रामकृष्ण आश्रम के भवेशानंद स्वामी, मौलाना मोहम्मद नासीर अख्तर, फॉदर निर्मल कुमार मिरांडा, फॉदर बेंजमिन डिसोजा, गणपति हेगडे बिस्लकोप्प, बालकृष्ण भट, गुरु फायदे, वृक्षलक्ष आंदोलन के अनंत हेगडे अशीसर, नेता सतीश सैल, आनंद अस्नोटिकर, तालुक पंचायत की अध्यक्ष प्रमीला नायक, पर्यावरण वैज्ञानिक एवं संयंत्र विरोधी आंदोलन समिति के पदाधिकारी तथा स्थानीय लोग उपस्थित थे।