दमकल विभाग की मानें तो अस्पतालों में हर मंजिल पर अलग-अलग हिस्से बनाए जाने चाहिए। इससे आग लगने पर मरीजों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित जगह पर ले जाया जा सकता है। आग लगने पर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए करीब पांच से छह मिनट का ही समय होता है। इसलिए अस्पताल के अलग-अलग हिस्से बनाने बहुत जरूरी हैं। इस तरह आग एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलने से रोकी जा सकती है। अस्पताल में आग लगने पर धुआं निकालने के लिए सही तरीके से बने रास्ते होने भी बहुत जरूरी हैं ताकि धुआं जमा ना हो।
- सुनिश्चित करें कि आग बुझाने के यंत्र आसानी से मिल सकें और उनकी नियमित देखरेख हो
- नियमित रूप से बिजली के तारों और उपकरणों की जांच कराएं
- ज्वलनशील पदार्थों को चिन्हित, सुरक्षित जगहों पर ही रखें
- आपातकालीन निकास मार्ग को हमेशा खाली रखें
- छत को ताला न लगाएं और सीढिय़ों पर कोई सामान नहीं रखें
- आधुनिक स्मोक डिटेक्टर, सेंसर और फायर अलार्म लगाए
- जल्दी से जल्दी वहां से बाहर निकल जाएं
- सीढिय़ों का इस्तेमाल करें
- घबराकर इमारत से बाहर ना कूदें
- अगर बाहर निकलने का रास्ता बंद हो तो खिड़की के पास खड़े हों और कांच तोड़ दें
हुब्बल्ली के उद्योगपति राजस्थान के मोकलसर मूल के रमेश बाफना कहते हैं, मौजूदा समय में आग की घटनाएं अधिक हो रही है। ऐसे में लोगों को सचेत एवं जागरूक रहने की जरूरत अधिक है। अपने प्रतिष्ठान, गोदाम व दुकानों में भी अग्निशमन संयंत्र जरूर रखने चाहिए। खासकर बड़े गोदाम में ऐसे संयंत्र निश्चित रूप से होने चाहिए। लोगों को आग के बचाव की टे्रेनिंग दी जाएं। विभिन्न जगहों पर काम करने वाले श्रमिकों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है ताकि किसी अनहोनी में वे अपना बचाव कर सकें। खासकर सेफ्टी के विशेष इंतजाम तो किए ही जाने चाहिए। सुरक्षा प्राथमिकता में होनी चाहिए।