आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने कहा, भारतीय संविधान एक जीवित दस्तावेज
74वें संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के निर्माता बी आर अंबेडकर और अन्य संस्थापकों को पुष्पांजलि अर्पित की
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आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने कहा, भारतीय संविधान एक जीवित दस्तावेज
विजयवाड़ा . आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने रविवार को कहा कि भारतीय संविधान एक जीवित दस्तावेज है जो लगातार विकसित हो रहा है और समाज की बदलती जरूरतों के अनुरूप ढल रहा है। हर साल 26 नवंबर को मनाए जाने वाले 74वें संविधान दिवस को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है बल्कि एक सामाजिक और राजनीतिक दस्तावेज है जो लोगों की बदलती आकांक्षाओं और जरूरतों को दर्शाता है।
राज भवन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में नजीर ने कहा, ‘संविधान राष्ट्र की आधारशिला है क्योंकि यह हमारे राष्ट्र के शासन की नींव रखता है और संस्थापक चाहते थे कि संविधान शासन के लिए एक कठोर ढांचे के बजाय एक अनुकूलनीय दस्तावेज हो।”
राजभवन के दरबार हॉल में भारतीय संविधान के निर्माता बी आर अंबेडकर और अन्य संस्थापकों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह दिन न केवल इसे अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है बल्कि नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नजीर ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी, जिसे कार्यक्रम में आए गणमान्य लोगों ने दोहराया। आंध्र प्रदेश के महाधिवक्ता एस श्रीराम और अन्य अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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