सबसे पहले 16 अक्टूबर को परिवार के मुखिया राजगट्टु की जान ली। राजगट्टु स्थानीय निजी स्कूल में शिक्षक थे। उनकी मौत के 4 दिन बाद पिता लिंगय्या की भी डेंगू के कारण ही मौत हो गई। यह परिवार अभी दोनों की मौत से उभरा भी नहीं था कि दिवाली की रात को राजगट्टु की बेटी वर्षिणी को भी डेंगू हो गया और उसके बाद जल्द ही उसने भी दम तोड़ दिया। राजगट्टु की 9 महीने की गर्भवती पत्नी सोनी सिकंदराबाद के एक अस्पताल में बेटे को जन्म देने के 2 दिन बाद ही डेंगू के कारण चल बसी।
बता दें कि इससे कुछ ही दिन पहले उच्च न्यायालय ने डेंगू से हो रही मौतों को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। इस वर्ष अक्टूबर तक करीब 3,800 लोगों की डेंगू के कारण मृत्यु हुई। इसी बात से फिक्रमंद अदालत ने सरकार को प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी स्थापित कर, डेंगू पर काबू पाने के लिए उचित कदम उठाने का आदेश दिया।