गौरतलब है कि पिछले कुछ साल से टीडीपी के कई नेता टीआरएस में शामिल हो गए, जिसकी वजह से तेलंगाना में टीडीपी कमजोर होती चली गई। हाल ही में टीआरएस में शामिल होने वाले टीडीपी के सदस्य नामा नागेश्वर राव हैं। पिछले हफ्ते ही टीआरएस में शामिल होने वाले राव को केसीआर ने इन चुनावों में खम्मम लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
टीडीपी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए कांग्रेस के अनुरोध पर सहमति जताई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और तेलंगाना के प्रभारी आरसी खुंटिया ने रविवार को ही बीजेपी और टीआरएस को छोड़कर सभी दलों से अपील की थी कि वे राज्य में कांग्रेस का समर्थन करें। माना जा रहा है कि तेलुगु देसम पार्टी की तेलंगाना इकाई ने इसको देखते हुए अपने उम्मीदवार तेलंगाना से हटाने के निर्णय लिया है। हालांकि अंदर खाने यह भी सच है कि तेदेपा यहां इतनी कमज़ोर हो चुकी है कि वह अपने दम पर लोक सभा के चुनाव लड़ने की शक्ति भी नहीं रखती। टीडीपी ने पिछली बार कांग्रेस, सीपीआई और टीजेएस के साथ मिलकर तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भाग लिया था। टीडीपी और कांग्रेस ने विधानसभा के 119 सीटों में से 19 सीटें हासिल कीं, जबकि सीपीआई और टीजेएस खाली हाथ रह गए। आँध्रप्रदेश की सत्ताधारी टीडीपी, बीजेपी का तबसे विरोध कर रही है जबसे बीजेपी ने आँध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का अपना वादा पूरा नहीं किया।