नाटक में यह बताया गया कि कैसे लोग खुले में शौच करने बैठ जाते हैं। नदी में ही कपड़े धोते और मवेशियों को नहलाया जाता है। इस बीच नदी में एक व्यक्ति पानी पीने आता है। उसे पानी गंदा होने और इससे होने वाली बीमारियों के बारे में बताया गया। साथ ही नाटक के माध्यम से लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग अलग संग्रहित करने का संदेश दिया गया।
रायपुर•Dec 27, 2019 / 08:31 pm•
Yagya Singh Thakur
जवानों ने स्वच्छता के लिए लोगों को किया जागरुक, पर्यावरण को बनाए स्वच्छ