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राजनंदगांव

गृह जिले के अफसर का हुआ तबादला पर जो आ रहे वो भी इसी जिले के

भरतद्वाज का हुआ है तबादला, प्रवास बघेल आ रहे

राजनंदगांवSep 08, 2018 / 10:53 am

Nitin Dongre

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गृह जिले के अफसर का हुआ तबादला पर जो आ रहे वो भी इसी जिले के

राजनांदगांव. चुनाव के पहले लगातार तीन साल और गृह जिले में पदस्थ अफसरों के तबादले की कड़ी में यहां के जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) का तबादला तो कर दिया गया है लेकिन उनकी जगह पर यहां भेजे जा रहे अफसर के नाम ने उनकी ज्वाइनिंग के पहले ही विवादों को जन्म दे दिया है। डीइओ एसके भतरद्वाज की जगह पर यहां आ रहे प्रवास बघेल के संबंध में जानकारी मिली है कि वे भी राजनांदगांव जिले के ही मूल निवासी हैं।
शिक्षा विभाग के अवर सचिव ईआर कपाले के हस्ताक्षर से ५ सितम्बर को जारी आदेश में छह जिलों के शिक्षा अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया गया है। इसमें राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी एसके भरतद्वाज भी शामिल हैं। भरतद्वाज राजनांदगांव जिले के ही मूल निवासी हैं। उनको लोक शिक्षण संचालनालय में उप संचालक बनाकर भेजा गया है। उनके स्थान पर धमतरी के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल को राजनांदगांव का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाकर भेजा जा रहा है।
बघेल का गृह जिला है राजनांदगांव

धमतरी से यहां प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर आ रहे प्रवास बघेल के संबंध में जानकारी मिली है कि वे भी राजनांदगांव जिले के ही मूल निवासी हैं। जानकारी के अनुसार वे ग्राम बागतराई पोस्ट डिलापहरी जिला के निवासी हैं। ऐसे में गृह जिले के आधार पर एक अफसर के तबादले के बाद उसी गृह जिले के अफसर का उनकी जगह पर तबादले से यहां विवाद होने लगा है। इस संबंध में जानकारी लेने पत्रिका ने बघेल के मोबाइल में कई बार संपर्क किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। मोबाइल में किए गए मैसज का भी उन्होंने जवाब नहीं दिया।
डीईओ की वरियता को लेकर भी चर्चा

जानकारी के अनुसार यहां आ रहे प्रवास बघेल का मूल पद प्राचार्य का है और वे धमतरी में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी थे। यहां भी प्रभारी के रूप में ही आ रहे हैं। उनकी वरियता को लेकर भी यहां शिक्षा विभाग में चर्चा चल रही है। पता चला है कि बघेल की शिक्षा विभाग में ज्वाइनिंग वर्ष १९९० की है जबकि यहां उनके पहले से ज्वाइनिंग वाले कई अफसर हैं। कुछ अफसर तो जिला शिक्षा विभाग में ही पदस्थ हैं। ऐसे में वरिष्ठों को छोड़कर कनिष्ठ को विभाग का प्रमुख बनाना समझ से परे है। इस संबंध में राज्य शासन का यह स्पष्ट आदेश है कि वरिष्ठ के रहते कनिष्ठ को प्रभार नही दिया जाए लेकिन यहां इस आदेश का पालन नहीं किया गया है।
निर्वाचन आयोग का यह है निर्देश

निर्वाचन आयोग ने राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि गृह जिले में पदस्थ अफसरों के तबादले किए जाएं। इसके अलावा उन अफसरों का तबादला किया जाए जो चार में से तीन वर्ष तक एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। ३१ जनवरी २०१९ को पदस्थापना के तीन वर्ष पूरे होने वाले का भी स्थानांतरण करने के निर्देश दिए गए थे। इस बार निर्वाचन आयोग ने उन अफसरों का तबादला भी करने के निर्देश दिए हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उसी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पदस्थ थे और अब भी उसी जगह में पदस्थ हैं।
जानकारी में नहीं है

गौरव द्विवेदी, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने बताया कि मेरी जानकारी में यह बात नहीं है कि जिस अफसर का तबादला किया गया है, वे उसी जिले के मूल निवासी हैं। इस संबंध में चेक करके उचित कार्रवाई करवाता हूं।
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