जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती 6 जुलाई से भाजपा में सदस्यता अभियान का काम चल रहा था। इंदौर को ढाई लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था। शुरुआती दौर में बुरे हाल होने की वजह से बहुत धीमे सदस्य बने, लेकिन जब नगर अध्यक्ष गोपी नेमा व प्रभारी कमल वाघेला ने विधायक, पार्षद, मंडल की टीम और मोर्चा प्रकोष्ठों की बैठकें ली और साफ कर दिया कि प्रदेश संगठन व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा है कि किसने क्या किया? तब कहीं अभियान ने जोर पकड़ा।
सबसे ज्यादा सदस्य बनाने का रिकॉर्ड दो नंबर विधानसभा के खाते में गया है। विधायक रमेश मेंदोला की सख्ती के चलते एक लाख से अधिक सदस्य बने। दूसरे नंबर पर एक और पांच नंबर विधानसभा के बीच मुकाबला चल रहा है। दोनों ही विधानसभा ७० हजार के आसपास हंै। एक नंबर में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के अलावा दो तीन पार्षदों ने खासा दम भर दिया।
वहीं, पांच नंबर में विधायक महेंद्र हार्डिया के अलावा पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी एक मंडल में लगातार दौरे कर सदस्य बनवाए। बताते हैं कि तीन, चार और राऊ विधानसभा का आंकड़ा भी ५० हजार के आसपास पास रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इंदौर भाजपा में ४ लाख नए सदस्यों की आमद हो गई।
पार्षदों को बनाने थे पांच-पांच हजार
पार्टी ने सदस्यता अभियान में पूरा फोकस पार्षदों पर किया था। सभी को कम से कम ५ हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था। इसमें पार्षद मनोज मिश्रा और ज्योति तोमर तो दस हजार के पार हो गईं। करीब ३० से ज्यादा पार्षदों ने पांच हजार के आसपास सदस्य बनाए। दो हजार के आसपास सदस्य बनाने वालों की संख्या काफी है, लेकिन उससे भी कम बनाने वाली भी एक दर्जन से ज्यादा हैं।
चौंकाने वाली बात ये है कि सुपर फ्लॉप होने वालों में एमआईसी सदस्य के अलावा नगर निगम में महत्वपूर्ण पद पर बैठने वाले पार्षद भी शामिल हैं। सभी को संगठन ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है, जिनका नाम आने पर भविष्य में गंभीरता से विचार किया जाएगा।