आचार संहिता लगने के बाद भी सरकार का प्रचार प्रसार करने के इस काम में खुद के फंसने की स्थिति को देखते हुए जनता में बांटे गए पर्चों में एक लाइन पार्षद की ओर से लिखवा दी गई थी। जिसमें लिखा गया था कि इस शिविर कार्य में पार्षद और कार्यालय का कोई भी सदस्य जिम्मेदार नहीं है। यह शिविर सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने के लिए सफल प्रयास है।
आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले पार्षद के द्वारा फार्म भरवाने का काम एक निजी एजेंसी के जरिए करवाया जा रहा था। यहां पर जनता से फार्म लेने वाले तीनों लडक़े श्री बालाजी सर्विसेस एंड कंस्लटेंसी, नंदानगर के कर्मचारी थे।