– आरोग्य के आने से खत्म हुई थी परिपाटी
जब तक आरोग्य रिटेल नहीं था तब तक दवा बाजार एसोसिएशन और केमिस्ट एसोसिएशन ने मनमानी मचा रखी थी। एसोसिएशन ने सभी दुकानदारों को पत्र जारी कर दिया था कि कोई भी दुकानदार डिस्काउंट पर दवा नहीं देगा। दवा एमआरपी पर ही दी जाएगी, लेकिन आरोग्य ने जब २० से ७५ प्रतिशत डिस्काउंट देना शुरू किया तो आपस में ही व्यापारियों में मतभेद शुरू हुआ और बाद में सभी अपने-अपने हिसाब से डिस्काउंट देने लगे। जिसके चलते लोग आरोग्य को ही इसका श्रेय देते हैं कि आरोग्य ने व्यापारियों की मनमानी खत्म की थी।
– कोर्ट तक जा चुकी है एसोसिएशन
आरोग्य रिटेल ने जब शहर के लोगों को सस्ती दवा देना शुरू किया तो केमिस्ट एसोसिएशन के पेट में दर्द होने लगा। कार्रवाई के लिए दो बार मामला कोर्ट तक जा चुका है जहां दोनों बार मुंह की खानी पड़ी। पहले तो गलत तरीके से टेंडर की बात कही गई तो दूसरी फुटपाथ पर सरकारी जगह में दुकान का मामला था, लेकिन दोनों में कुछ सुनवाई के बाद याचिकाएं निरस्त हो गईं। इसके साथ ही व्यापारियों ने आरोग्य को दवाएं तक देना बंद कर दिया। जिसके बाद कंपनी के संचालकों ने मुंबई में हेड ऑफिस खोलकर सीधे कंपनी से दवाएं लेना शुरू कर दिया।
– मुनाफा काटकर सस्ता देना कैसे अपराध
स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने कहा कि सस्ती दवा का भूत उतार देंगे। सस्ती दवा देना अपराध है क्या। इसमें आम लोगों को हर माह हजार रुपए तक का फायदा हो रहा है। आम मेडिकल सिर्फ जैनेरिक दवा पर डिस्काउंट देते हैं, आरोग्य पर तो हमें ब्रांडेड दवा पर भी डिस्काउंट मिलता है।
– राजकुमार ढोके
कोर्ट तक ले जाएंगे मामला
मैं अपने परिवार के लिए पिछले एक साल से आरोग्य से दवा ले रहा हूं। ३ हजार रुपए प्रतिमाह की दवा लेने पर ४०० से ७०० रुपए तक का डिस्काउंट मिल रहा है। ऐसे में आरोग्य से अगर लोगों को फायदा मिल रहा है तो स्वास्थ्य मंत्री का पेट क्यों दुख रहा है। प्रदेश सरकार कोई कार्रवाई करती है तो हम सड़क से लेकर कोर्ट तक जाएंगे।
चंचल गुप्ता, एडवोकेट
– हर क्षेत्र में खुले ऐसी दुकान
मैं हर माह ब्लडप्रेशर और शुगर की दवा लेता हूं। हर माह ३०० रुपए तक का डिस्काउंट मिलता है। दूसरे मेडिकल देते नहीं। ऐसी दुकानें तो हर क्षेत्र में खुलना चाहिए। सरकार को इसे बंद करवाने के बजाए बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
बालमुकुंद पाराशर
– चार साल से मिल रहा फायदा
पिछले चार साल से मैं आरोग्य रिटेल से अपनी व परिवार के अन्य मरीजों की दवा ले जाता हूं। यहां से आम जनता को सस्ती दवा मिल जाती है। सरकार को तो इसे और बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। खासकर सरकार को ऐसे संस्थान खोलना चाहिए जहां मरीजों को सस्ती दवाएं मिले।
बीपी वर्मा, सीनियर सिटीजन
– हर माह फ्री मिल रही साढ़े तीन लाख की दवा
मैं कैंसर से पीडि़त हूं। मुझे पिछले दो साल से आरोग्य रिटेल से लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की दवा फ्री मिलती है। बाजार में ये दवा काफी महंगी थी जो शायद मेरे लिए वहन कर पाना मुश्किल थी, लेकिन आरोग्य के संस्थापकों ने मुझसे संपर्क कर मुझे ये दवाएं दीं।
तेजिंदर सिंह (कैंसर मरीज, परिवर्तित नाम)
– बंद कराने का नहीं कहा….
व्यापारियों के विरोध के बाद मंत्री ने सिर्फ जांच करवाने का कहा है। हमने बंद करवाने का नहीं कहा। मंत्रीके बयान को गलत तरीके से लिया गया है।
विनय बाकलीवाल, कार्यवाहक अध्यक्ष कांग्रेस, अध्यक्ष दवा बाजार
अपना मुनाफा काटकर दे रहे सस्ती…
हम आम लोगों को सहूलियत के लिए अपना मुनाफा काटकर सस्ता दे रहे हैं। हमारा मकसद है कि लोगों को दवाएं मिले। हम घर पहुंच तक सेवा दे रहे हैं। हाल ही में हमने दवाओं पर लोन तक की सुविधा के लिए बैंक से अनुबंध किया है।स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से सीधी बात….
– आपने आरोग्य के सस्ती दवा देने पर कार्रवाई की बात कही
मैंने कार्रवाई का नहीं कहा, व्यापारियों ने कहा था तो मैंने कहा समीक्षा करवाएंगे।
– क्या सस्ती दवा देना अपराध है
हम तो स्वयं चाहते हैं सस्ती दवा मिले, बस गुणवत्ता ठीक हो।
– व्यापारियों के बीच आपने यह बात कही
बयान को गलत तरीके से लिया गया, आम जनता का जिसमें फायदा है हम वही करेंगे।