कोरोना पॉजिटिव होने वाले बच्चों में से करीब एक फीसदी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। वहीं जिन बच्चों को ये बीमारी हो रही हैं, उन्हें यदि समय पर इलाज न मिले तो उनमें से एक फीसदी बच्चों की जान पर भी बन सकती है।
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मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत जैन के मुताबिक इस बीमारी के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक कोरोना होने पर ज्यादातर बच्चों में लक्षण नहीं आते हैं। बीमारी के बाद उनके शरीर में एंटी बॉडी बहुत ज्यादा बन जाती है। इस वजह से शरीर के विभिन्न अंग प्रभावित होने लगते हैं।
इसी कारण बच्चों को दौरे पड़ने, हार्ट व किडनी से संबंधित समस्याएं आने लगती हैं। इस बीमारी से जूझ रहे बच्चों का सही समय पर इलाज न होने पर उनके दिल की नाड़िया ढीली हो जाती हैं और रक्त संचार प्रभावित होने से मौत का कारण बन सकती है। इसके चलते बच्चे में कोरोना ठीक होने के बाद भी ध्यान देना जरूरी है।