वर्कशॉप में बताई खास बातें1. इमोशंस एंड स्ट्रेस – उन्होंने कहा कि तनाव को कम करें। अगर आप बेहतर और खुश महसूस करेंगे, तो काम अधिक प्रभावी होगा। 2. इफेक्टिव कम्युनिकेशन – टीम, मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ बातचीत का जरिया प्रभावी बनाएंगे, तो काम आसान होगा। 3. सिम्पथी – मरीजों और उनके रिश्तेदारों से बात करते रहना चाहिए, ताकि आप समझ सकें कि वे हॉस्पिटल में कैसा महसूस कर रहे हैं। [typography_font:14pt;” >इंदौर. हॉस्पिटल में आने वाला मरीज बेहद तनाव में होता है और उनका काम काफी चैलेंजिग और डिमांडिंग होता है। अक्सर देखा गया है कि हॉस्पिटल काम करने वाला स्टाफ बेहद जवाबदारी और दबाव में काम करता है, जो सीधे उनकी सेहत, टीम के साथ रिश्ते और मरीजों, उनके रिश्तेदारों के साथ संबंधों पर भी असर करता है। इसलिए हॉस्पिटल का माहौल हंसी खुशी का बनाने का प्रयास करना चाहिए। इससे न केवल मरीज के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है बल्कि डॉक्टर और अन्य स्टॉफ का काम भी बेहतर होता है। मशहूर क्लाउनिंग एक्सपर्ट मोनिका सैंटोस ने विजय नगर स्थित अपोलो हॉस्पिटल में आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान यह बात कही। स्पेन की मोनिका सैंटोस दुनियाभर में ‘बिग स्माइल’ प्रोग्राम चलाती हैं। उन्होंने यहां ह्यूमर एंड हेल्थ के नाम से आयोजित वर्कशॉप में बताया कि हंसी और खुशी न हमारी शारीरिक सेहत, बल्कि मानसिक सेहत को भी सही रखती है और इस वजह से रोज सामने आने वाली परेशानियों का हम बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं। चार घंटे की वर्कशॉप में मोनिका ने यह भी बताया कि भावनाओं और तनाव को कैसे समझा जाए। अपोलो हॉस्पिटल के यूनिट हेड अभिलाष पिल्लई ने बताया कि हंसी और ख़ुशी हीलिंग में काफी मदद करती है। ऐसी कई सारी स्टडीज है, जिसमें ये बाद साबित हुई है। शताब्दी सम्मान के लिए अनुशंसाएं आमंत्रितइंदौर.मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इंदौर द्वारा प्रतिवर्ष दो शताब्दी सम्मानों से हिन्दी साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है। समिति के प्रधानमंत्री प्रोफेसर सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि समिति के सौ बरस पूरे होने पर शुरू किए गए यह सम्मान में किसी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित साहित्यकार को एक लाख रुपए का और प्रादेशिक स्तर पर रूपए पचास हजार का सम्मान दिया जाता है। समिति प्रचार मंत्री अरविंद ओझा ने बताया कि वर्ष 2019 के लिए दिए जाने वाले इन सम्मानों के लिए साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों से अनुशंसाएं 15 दिसंबर 2019 तक आमंत्रित हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह सम्मान डॉ. आनन्द प्रकाश दीक्षित, रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय, प्रभात भट्टाचार्य, विजय बहादुरसिंह, रमेशचंद्र शाह, बलराम, ज्योत्सना मिलन, रमेश दवे, जय कुमार जलज, ज्ञान चतुर्वेदी, कृष्णा अग्निहोत्री, को दिया जा चुका है। सम्पूर्ण साहित्यिक अवदान की जानकारी के साथ प्रस्तावित साहित्यकारों के नामों की अनुशंसा समिति के आरएनटी रोड स्थित कार्यालय में भेजी जा सकती है। अनुशंसाएं आने के बाद कई पहलुओं को जांच परखने के बाद समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।