शिकायतों को निराकृत करने नहीं देते
आम लोगों की मदद के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन सेवा कुछ लोगों के लिए ब्लैकमेलिंग का जरिया बन गई है। शिकायतकर्ता तब तक शिकायतों को निराकृत करने नहीं देते, जब तक वे शिकायत पर मनचाहा लाभ नहीं ले लेते, ऐसे मामले सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने सख्ती शुरू की है।
ब्लैकमेलिंग के मामले में दो एफआइआर
ब्लैकमेलिंग के मामले में दो एफआइआर धार जिले में तो दो झाबुआ में की गई है। आरोपियों पर कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया है। अवैध खनन, रोड निर्माण में गुणवत्ता, पीडीएस, जलशक्ति मिशन के साथ ग्रामीण विकास विभाग की शिकायतों के निराकरण में सबसे ज्यादा वसूली होती है। कई जिलों में ग्राम पंचायत सचिवों ने ऐसी शिकायतों और शिकायतकर्ताओं के खिलाफ लामबंद होकर प्रदर्शन भी किए हैं।
अवैध खनन को लेकर शिकायत
धार जिले में नर्मदा में अवैध खनन को लेकर शिकायत की गई। इस मामले में भी ठेकेदार को ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। ब्लैकमेलिंग के आरोप में राजोद थाने में अंबरीश शर्मा और पीथमपुर थाने में हरिकेश द्विवेदी पर प्रकरण दर्ज कर दोनों को जेल भेजा गया। झाबुआ जिले के ग्राम पंचायत कचराखदान, अलस्याखेड़ी काजबी, गोदरिया, बेड़दा और महुडीपाड़ा के सचिवों के खिलाफ शिकायतें हुई। इसे बंद करने के लिए पैसों की मांग की गई। जांच में पूरे गिरोह का खुलासा हुआ। इसमें इंदौर निवासी रंजीत कुमार ने एक ही मोबाइल से पेटलावद जनपद पंचायत की अलग-अलग पंचायतों की शिकायत की थी। मामले में एफआइआर कर खरगोन और इंदौर से जुटे चार लोगों को पकड़कर जेल भेजा गया।
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इसलिए हो रही ब्लैमेलिंग
दरअसल शिकायतों को बिना शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बंद करने पर प्रशासनिक कार्रवाई होती है। शिकायतें बंद करने के लिए संबंधित को फोन करना होता है। इसमें उसकी संतुष्टि/सहमति आवश्यक होती है। इसलिए शिकायतें बंद करने के लिए शिकायतकर्ता ब्लैमेलिंग पर उतारू हो जाते हैं।
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पेटलावद थाना क्षेत्र के साथ अन्य थानों में हुई शिकायतों की जानकारी निकाल रहे हैं।
-आशुतोष गुप्ता, एसपी झाबुआ
फर्जी शिकायतों पर कार्रवाई हुई है, पर हर शिकायतकर्ता को उस आधार पर नहीं देख सकते।
-डॉ. पंकज जैन, कलेक्टर धार