अव्यवस्था की ‘सीइटी’ : कुलपति के पास फांसी का फंदा और नोटों की माला लेकर पहुंची कांग्रेस VIDEO
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की सीइटी ने रविवार को परीक्षार्थियों के साथ पालकों और यूनिवर्सिटी की भी कड़ी परीक्षा ले ली। 23 विभाग के 65 कोर्स की 3088 सीट के लिए 17 हजार से ज्यादा आवेदन मिले थे। सीइटी में व्यवधान नहीं आने देने का दावा किया था, लेकिन पहली ही शिफ्ट की पोल खुल गई। परीक्षार्थी केंद्र पर पहुंचे तो निर्धारित समय पर पेपर डाउनलोड ही नहीं हुआ। यूनिवर्सिटी के कंट्रोल रूम पर शिकायतों का अंबार लग गया। एजेंसी के कर्ताधर्ताओं ने जानकारी ली तो पता चला, सेंट्रल सर्वर में ही ग्रुप बी 2 की प्रोग्रामिंग में दिक्कत आई। छात्र टेस्ट शुरू होने का इंतजार करते रहे। निर्धारित दो घंटे बाद जब बाहर नहीं आए तो पालकों ने जानकारी ली। टेस्ट नहीं हो पाने का पता लगने पर केंद्र के भीतर पर्यवेक्षकों पर भड़ास उतारी। स्थिति बिगड़ती देख यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बी 2 ग्रुप का पेपर स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इस अव्यवस्था के विरोध में शहर कांग्रेस ने सोमवार को अनूठा प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ के पास फांसी का फंदा और नकली नोटों की माला लेकर पहुंचे। सीइटी में हुई तकनीकी खराबी को लेकर वे लोग कुलपति को दोषी ठहरा रहे थे। नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि इस फंदे से छात्रों को फांसी लगा दो। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। डीएवीवी में धारा 52 लागू कर दी गई है।
दोपहर डेढ़ बजे तक चलता रहा टेस्ट पहली शिफ्ट में ए 1 ग्रुप की परीक्षा का समय सुबह १० से दोपहर १२ बजे तक था। देरी से कई केंद्र पर डेढ़ बजे तक टेस्ट चलता रहा। शहर के महाराजा रणजीतसिंह कॉलेज सहित कुछ अन्य केंद्रों पर बी 2 की परीक्षा नहीं हो सकी। रणजीतसिंह और प्रेस्टीज में ए 1 ग्रुप की परीक्षा नही हो पाई। प्रेस्टीज पर ग्रुप बी 2 की परीक्षा 4 से 6 बजे तक हुई। आइकेडीसी में सीइटी के साथ एक अन्य ऑनलाइन परीक्षा का भी सेंटर था। परीक्षार्थियों परेशान होते रहे।
एनएसयूआई-एबीवीपी ने लगाए आरोप गड़बड़ी के लिए एनएसयूआई ने कुलपति को जिम्मेदार ठहराते हुए पूरी परीक्षा दोबारा कराने की मांग की। उधर, एबीवीपी ने कुलपति के साथ उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया। एबीवीपी के शुभेंद्रसिंह गौड़ ने कहा, शिक्षा मंत्री की सहमति बिना यूनिवर्सिटी ऐसे मनमाने निर्णय नहीं ले सकती।
अलग परीक्षा कराएंगे सीइटी की पहली शिफ्ट में कुछ तकनीकी गड़बड़ी से व्यवधान आया था। 17 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों में से करीब 1 हजार टेस्ट नहीं दे पाए। इनके लिए अलग से परीक्षा कराई जाएगी। ऑब्जर्वर की रिपोर्ट मिलने के बाद एजेंसी की भूमिका पर कोई जानकारी दी जा सकती। – प्रो. नरेंद्र धाकड़, कुलपति
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