जांच के दौरान एक और लापरवाही उजागर
मर्चुरी रूम में मासूम बच्चे का शव बॉक्स में रखे होने का खुलासा उस वक्त हुआ जब स्ट्रेटर पर रखे-रखे शव के कंकाल बनने की घटना की जांच करने के लिए अपर आयुक्त रजनी सिंह एमवाय अस्पताल के मर्चुरी रूम पहुंची थीं। जांच के दौरान ही जब मर्चुरी रूम के फ्रीजर देखे गए तो पास ही एक बॉक्स दिखाई दिया और जिसमें मासूम का शव रखा हुआ था। पता चला है कि जिस मासूम का शव बॉक्स में रखा मिला है उसकी मौत 5 दिन पहले इलाज के दौरान हुई थी। मासूम घायल हालत में 11 सितंबर को अलीराजपुर में लावारिस हालत में मिला था जिसे एक सोशल वर्कर ने इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान मासूम की 12 सितंबर को मौत हो गई लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि मासूम की मौत के बाद न तो उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया और न ही पुलिस को इसके बारे में सूचना दी गई। अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने मासूम के शव को बॉक्स में रखकर मर्चुरी रूम में रख दिया और उसे रखकर भूल गया।
अपर आयुक्त ने कही जांच की बात
मासूम बच्चे का शव बॉक्स में मिलने के बाद जब मीडिया ने अपर आयुक्त रजनी सिंह से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि बच्चा अस्पताल में ही भर्ती था और बच्चे की मौत के बाद अस्पताल पुलिस को सूचना देना भूल गया। लापरवाही किसकी है और कौन इसके लिए जिम्मेदार है इसकी जांच की जाएगी और कमिश्नर को इसकी जांच रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी। बता दें कि 15 सितंबर को अस्पताल की लापरवाही की एक और तस्वीर उस वक्त सामने आई थी जब अंतिम संस्कार में स्ट्रेचर पर रखे-रखे एक शव के कंकाल बन जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। शव के कंकाल बनने की खबर मीडिया में आने के बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है और जांच के निर्देश दिए हैं और उसी मामले की जांच के दौरान अब एमवाय अस्पताल स्टाफ की एक और लापरवाही उजागर हुई है।