scriptईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी हुए बेबस, नहीं बचाई जा सकी सार्थक की जान | Death of corona infected law student Sarthak Gupta | Patrika News
इंदौर

ईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी हुए बेबस, नहीं बचाई जा सकी सार्थक की जान

15 दिनों से निजी अस्पताल में चल रहा था सार्थक का इलाज..सोनू सूद की मदद से हैदराबाद एयलिफ्ट कर ले जाने की थी तैयारी…

इंदौरJun 08, 2021 / 04:03 pm

Shailendra Sharma

sonu_1.png

,,

इंदौर. फिल्म अभिनेता सोनू सूद इंदौर के जिस स्टूडेंट सार्थक गुप्ता की मदद के लिए आगे आए थे वो अब इस दुनिया में नहीं रहा। लॉ स्टूडेंट सार्थक को एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाने की तैयारी थी लेकिन इससे पहले ही सार्थक की सांसें थम गईं। बता दें कि कोरोना संक्रमित सार्थक गुप्ता के दोनों फेफड़े खराब हो गए थे और लंग्स ट्रांसप्लांट किया जाना था। जिसमें 2 करोड़ रुपए का खर्च आना था। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी और उन्होंने मदद की गुहार लगाई थी जिसके बाद सोनू सूद सार्थक की मदद के लिए आगे आए थे।

ये भी पढ़ें- सोनू सूद बोले- एक जिंदगी बदलने की कोशिश कीजिए, हजार कब बदल देंगे पता नहीं चलेगा

sonu_inside.png

एयरलिफ्ट किए जाने से पहले ही टूट गई सांसों की डोर
25 साल के लॉ स्टूडेंट सार्थक गुप्ता का कोरोना संक्रमित होने के बाद से बीते 15 दिनों से इंदौर के अरबिंदो (मोहक) अस्पताल में इलाज चल रहा था। कोरोना संक्रमण के कारण उसके दोनों फेफड़े खराब हो चुके थे और लंग्स ट्रांसप्लाट ही एक इलाज था। सार्थक के पिता नितिन गुप्ता ने बेटे की जान बचाने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी और फिल्म अभिनेता सोनू सूद सार्थक की मदद करने के लिए आगे भी आए थे। सार्थक को हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में सोमवार को एयरलिफ्ट किया जाना था। तैयारियां पूरी हो चुकी थीं लेकिन खराब मौसम के कारण सोमवार को सार्थक को हैदराबाद नहीं ले जाया जा सका। मंगलवार को एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाना था लेकिन इससे पहले ही सुबह 8:30 बजे सार्थक की इलाज के दौरान मौत हो गई।

 

ये भी पढ़ें- Real Hero: फिल्म एक्टर सोनू सूद ने की मदद, अपने पैरों पर खड़ा हो गया यह युवक

 

7 दिन से वेंटिलेटर पर था सार्थक
बता दें कि सार्थक गुप्ता बीते 7 दिनों से वेंटिलेटर पर था और उसकी हालत काफी खराब थी। उनके फेफड़ा 98 फीसदी खराब हो चुके थे। सीआरपी लेवन भी बढ़ा हुआ था और ऑक्सीजन लेवल भी तेजी से कम हो रहा था। सार्थक मध्यमवर्गीय परिवार से था। पिता नितिन एडवोकेट हैं जिन्होंने एकलौते बेटे की जिंदगी बचाने के लिए जितना हो सका उतना किया और आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई थी। सोनू सूद भी सार्थक की मदद के लिए आगे आए थे लेकिन ईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी बेबस हो गए।

देखें वीडियो- गांव में पानी का संकट, ग्रामीण परेशान

https://www.dailymotion.com/embed/video/x81tnia
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो