इंदौर

एक्सीडेंट में घायल पुलिसकर्मी को निगम उपायुक्त ने बचाया, अपनी कार से ले गए हॉस्पिटल

मदद नहीं मिलने पर खुद आए आगे निगम उपायुक्त

इंदौरAug 24, 2019 / 02:27 pm

रीना शर्मा

एक्सीडेंट में घायल पुलिसकर्मी को निगम उपायुक्त ने ऐसे बचाया, अपनी कार से ले गए हॉस्पिटल

इंदौर. एक्सीडेंट में घायल को कैसे कम से कम समय में हॉस्पिटल पहुंचाया जाए, इसकी मिसाल निगम उपायुक्त ने शुक्रवार को पेश की। उन्होंने हादसे में घायल पुलिसकर्मी की मदद के लिए डॉयल 100 पर संपर्क किया। कुछ मिनट की कोशिश के बाद भी पुलिस की ओर से रिसपांस नहीं मिलने पर घायल को अपनी कार से उपचार के लिए पास के निजी हॉस्पिटल ले गए। इसके साथ ही उन्होंने गलत ढंग से कार चला रहे चालक को भी पुलिस के हवाले किया।

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घटना दोपहर करीब तीन बजे की है। पत्रकार चौराहे की तरफ से आ रही नीले रंग की कार पीडब्ल्यूडी तिराहे के सर्कल पर पहुंची। उसके चालक ने सर्कल से पहले ही अचानक गलत ढंग से राइट टर्न ले लिया। इस दौरान पलासिया से पत्रकार चौराहे की तरफ जा रहे कनाडि़या थाने के हेड कांस्टेबल वेदराम चौधरी की बाइक कार के बोनट से टकरा गई। वे कई फीट उछलकर गिर गए। गनीमत रही हेलमेट पहनने से उनके सिर में चोट नहीं पहुंची। झटके से गिरने से उनकी कमर व पसली में गंभीर चोटें आईं। इस वजह से वे कुछ देर तक तिराहे पर घायल हालत में बैठे रहे। जिन्हें मार्ग से गुजर रहे लोगों ने अपने वाहन रोक मदद की।

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तब वहां से निगम उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान भी अपनी कार से गुजर रहे थे। घायल पुलिसकर्मी को देख उन्होंने तत्काल डॉयल 100 पर फोन किया। चार बार कोशिश के बाद भी उनका संपर्क नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना देकर मदद के लिए पुलिसकर्मी को बुलाने का प्रयास किया। तभी उन्होंने देखा कार चालक वहां से जाने के फिराक में है। यह देख वे तत्काल उसके पास पहुंचे और उससे कार की चाबी ले ली। इस दौरान दो पुलिसकर्मी बाइक से वहां पहुंचे तो चौहान ने कार की चाबी उन्हें थमा दी।

खुद पुलिसकर्मी को कार तक ले गए

उपायुक्त चौहान ने घायल पुलिसकर्मी को उठाया और अपनी कार तक ले गए। त्वरित उपचार कराने के लिए वे उन्हें निजी हॉस्पिटल ले गए। यहां से उन्होंने कनाडि़या टीआई अनिल चौहान को फोन कर उनके कर्मचारी के घायल होने की सूचना दी।

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हेलमेट ने बचाई जान

उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान हॉस्पिटल में पूरे समय रहे। उन्होंने पुलिसकर्मी का एक्सरे कराया। डॉक्टर ने बताया, दो रिब में फ्रैक्चर हुआ है। वे पुलिसकर्मी से उनके घर का नंबर पूछते रहे। तब चौधरी ने उन्हें बताया, घर में उनके छोटे बच्चे हैं, फिर कुछ नहीं बोले। वे दर्द से कराह रहे थे। उपायुक्त ने पत्रिका से बातचीत में कहा, यदि घायल हेलमेट नहीं पहने होते तो उनकी जान को भी खतरा हो सकता था। हेलमेट ने उनके सिर को बचा लिया।

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