चुनाव आयोग का आदेश चौंकाने वाला
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि चुनाव आयोग का आदेश चौंकाने वाला है। 21 अक्टूबर को कमलनाथ ने डबरा में एक बयान दिया जिस पर आयोग ने उनसे जवाब मांगा था उन्होंने निर्धारित समय में अपना जवाब दिया जिस पर आयोग ने उन्हें निर्देश दिया कि आगे से वे इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। अब चुनाव आयोग ने 13 अक्टूबर के भाषण का जिक्र करते हुए उन्हें स्टार प्रचारक की सूची से बाहर कर दिया है। हमने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि स्टार प्रचारकों की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है आयोग का नहीं। आयोग ने ऐसा करके अपनी ही गाइडलाइन का उल्लंघन किया है।
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चुनाव आयोग का दोहरा मापदंड
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग दोहरा मापदंड अपना रहा है क्योंकि कमलनाथ ने जो बयान दिया था उससे भी भद्दे और ज्यादा गंभीर बयान तो शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और वीडी शर्मा ने उन्हें लेकर दिए हैं। जिन पर चुनाव आयोग कोई संज्ञान नहीं ले रहा है और कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
विरोधियों को अपनी शैली में दिया जवाब
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी की तरफ से उन पर किए जा रहे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि मेरी चमड़ी मोटी है और मुझे गालियों से फर्क नहीं पड़ता।वहीं उन्हें गद्दार कहे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर उनने कोई गद्दारी की है तो उन्हें ये स्वीकार है लेकिन जिन्होंने असलियत में गद्दारी की है जो पंजे के निशान पर जीतकर अब फूल के निशान पर लड़ रहे हैं। 35-35 करोड़ रुपए में बिके हैं वो असली गद्दार हैं। वहीं कैलाश विजयवर्गीय के राम मंदिर के पीले चावल वाले बयान पर दिग्विजय ने कहा कि कैलाश विजयर्गीय उन्हें सनातन धर्म न सिखाएं। दिग्विजय ने कैलाश विजयवर्गीय को कलाकार भी बताया।