गंदे और गीले चादर-तकियों को लेकर आए दिन ट्विटर पर शिकायतें हो रही हैं। यात्री बतौर सबूत तकियों और चादरों के फोटो भी अपलोडकर रहे हैं। इंदौर स्टेशन पर हाईटेक मैकेनाइज्ड लांड्री के इंतजाम हैं। रेलवे ने हाल ही में इस लांड्री का संचालन रतलाम की एक फर्म को दिया है। यात्रियों के अनुसार चादरों की धुलाई के बजाय इन्हें केवल प्रेस कर दोबारा ट्रेनों में रख दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि इंदौर से हर दिन ५० से अधिक ट्रेनों का संचालन हो रहा है। जिसमें ३५ से अधिक ट्रेनों में २०० से अधिक एसी कोच लगते है।
नहीं करते निरीक्षण इंदौर स्टेशन की हाईटेक मैकेनाइज्ड लांड्री का संचालन रेल मंडल प्रशासन के अधीन है। हाईटेक मैकेनाइज्ड लांड्री की व्यवस्था के मुताबिक इंदौर में मेंटेनेंस वाली सभी ट्रेनों में वहां से चादरें व तकिए सप्लाय की जा रही हैं, लेकिन रेल प्रशासन के जिम्मेदार इस लांड्री का निरीक्षण ही नहीं करते हैं। हमेशा खानापूर्ति कर दी जाती है। जानकारी के अनुसार अफसरों को समय समय पर ट्रेनों में जाकर बेड रोल आदि चेक करने है। और लापरवाही मिलने पर फर्म पर कार्रवाई करना है। लेकिन असल में एेसा होता नहीं है। अफसर या तो ट्रेनों के चेकिंग करने नहीं जाते है और जाते भी है, तो खानापूर्ति कर लौट आते है। हालांकि यात्रियों की शिकायत के बाद रेलवे द्वारा तत्काल निराकरण किया जाता है, लेकिन कंपनी पर सख्ती नहीं बरती जाती है। इसका फायदा कंपनी उठाती है।