
शिक्षा विभाग : सालों से जमें बीआरसी-एपीसी होंगे बाहर
इंदौर ।
वर्षों बाद इंदौर ही नहीं, प्रदेशभर में राज्य शिक्षा केंद्र बीआरसी और एपीसी के पदों पर नए शिक्षकों को काम करने का मौका दे रहा है। इसके लिए परीक्षा आयोजित की गई। चयन मेरिट के आधार पर किया जा रहा है। इंदौर में इस पद के लिए 25 शिक्षकों ने परीक्षा दी। मेरिट सूची कल जारी कर दी गई। अब 31 सितंबर तक दावे- आपत्ति लिए जाएंगे और इसके बाद 1 सितंबर को फाइनल सूची के साथ ही आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
इंदौर जिले में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में छह बीआरसी के पद हैं और एपीसी के चार। जिनमें दो एपीसी के पद दो साल से खाली हैं। वहीं शहर के दो बीआरसी सहित ग्रामीण के चार बीआरसी के पदों पर शिक्षक मौजूद रहे हैं। इस बार राज्य शिक्षा केंद्र ने वर्तमान पदों पर मौजूद शिक्षकों को दो साल का कूलिंग पीरियड दिया था, यानी वे दो साल बाद इन पदों के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ शर्त भी जोड़ी गई थी कि जिनके खिलाफ शिकायतें आदि हैं वे भी अपात्र होंगे। ऐसे में इंदौर में दो बीआरसी कोर्ट से स्टे ले आए थे ताकि उन्हें राहत मिल सके।
90 में से 25 अंक अनिवार्य
केंद्र ने परीक्षा 90 अंकों की ली थी, जिनमें 25 अंक न्यूनतम रखे गए। कल जारी हुई मेरिट सूची में सर्वाधिक अंक के साथ 61.50 अंक पाकर 68.33 प्रतिशत नीरज गर्ग ने लाकर पहला स्थान पाया है। वहीं दूसरे स्थान पर शिक्षक पूनमचंद परमार रहे, जिन्होंने 56.5 अंक प्राप्त कर 62.78 प्रतिशत बनाए। वैसे देखा जाए तो 6 बीआरसी और 4 एपीसी के पदों पर शिक्षकों का चयन किया जाना है। 10 शिक्षकों का मेरिट के आधार पर चयन होना है।
सूची में पद अलग-अलग
विभाग में जादूगरों की कमी नहीं है। शिक्षकों ने बीआरसी और एपीसी के पदों के लिए आवेदन अलग-अलग भी किए। कुछ शिक्षकों ने दोनों पदों के लिए भी आवेदन किए, लेकिन विभाग ने कल जो सूची जारी की, उसमें कहीं भी यह प्रदर्शित नहीं किया कि शिक्षक ने किस पद के लिए परीक्षा दी थी। मेरिट सूची कॉमन रूप से जारी कर दी, जिसके बाद शिक्षक ही कयास लगाते रहे और जोड़-घटाव में लगे रहे।
भावसार 10वें तो तंवर 15वें पर
बीआरसी राजीव भावसार और राजेंद्र तंवर ने कोर्ट से स्टे ले रखा है। सूची में भावसार का नाम 10वें स्थान पर है। उन्होंने 42 अंक के साथ 46.67 प्रतिशत बनाया है। इतने अंक रतनलाल सोलंकी ने भी प्राप्त किए हैं। वहीं तंवर का नाम सूची में 15वें नंबर पर है, जिन्हें 35 अंक से ही संतुष्ट होना पड़ा और उनका 38.89 प्रतिशत ही बन पाया। एक दशक से तंवर बीआरसी के पद पर कार्य कर रहे हैं। उन पर पूर्व में स्कूलों की मान्यताओं में आरोप-प्रत्यारोप भी लगे हैं और शिकायत के बाद उन्हें महू भेजा गया, लेकिन एक-दो महीने में ही सेटिंग कर फिर से इंदौर आ गए।
Published on:
25 Aug 2022 11:15 am
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