पं. गुलशन अग्रवाल ने बताया, आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो रही है। समापन 8 जुलाई को होगा। प्रतिपदा तिथि बुधवार सुबह 8.21 बजे से 30 जून को सुबह 10.49 बजे तक रहेगी। अभिजित मुहूर्त सुबह 11.57 से 12.53 बजे तक रहेगा। नवरात्र के पहले दिन धुव्र योग, व्याघात योग बन रहे हैं। इस योग में धार्मिक कार्य करना और नवीन संबंधों का आरंभ करना फायदेमंद होता है। मेल-मिलाप बढ़ाने के लिए, विवाद निपटाने, समझौता करने या संबंधों को मजबूत करने के लिए ये योग शुभ माने गए हैं। इतना ही नहीं, इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
इसलिए मनाते हैं गुप्त नवरात्रि
गुप्त नवरात्रि अन्य नवरात्रि की तुलना में काफी अलग होती है। इस नवरात्रि में में गुप्त विद्या की सिद्धी के लिए साधना की जाती है। इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है जो कि गुप्त होती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि आमतौर पर तांत्रिक और साधकों के लिए होती है। अघोर तांत्रिक गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं, इसलिए यह दूसरे नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है।
विग्रहों की होगी पूजा
पहले दिन 30 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्यादय से रात 12.30 बजे तक, 6 जुलाई को सुबह 07.58 से रात 12.56 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र योग 1 जुलाई को सूर्यादय से रात 02.16 बजे तक रहेगा। इसी दिन जगदीश यात्रा रहेगी। जगन्नाथ मंदिरों में मां दुर्गा के साथ भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलदाऊ के विग्रहों की पूजा की जाएगी। अगले दिन विनायकी चतुर्थी पर श्रद्धालु मां शक्ति की साधना के साथ विघ्न विनाशक गणेश जी की अराधना भी करेंगे। नौ दिनों तक कई मंदिरों में सप्तशती पाठ और मंत्र जाप साधना होगी। नवरात्र का समापन 8 जुलाई को भडली नवमी पर होगा। यह अबूझ मुहूर्त होने से इस दिन अनेक जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधेंगे। पं. अग्रवाल ने बताया, 30 जून को शुभ, लाभ व अमृत के चौघडिय़ा में मंदिरों व घरों में घट स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हालांकि अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना श्रेष्ठ मानते हैं। यह मुहूर्त पहले दिन सुबह 11.57 से दोपहर 12.53 बजे तक रहेगा।
कई शुभ योग के साथ गुप्त नवरात्र का होगा शुभारंभ
इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कई शुभ योग एक साथ बन रहे हैं, जिससे नवरात्रि का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धी योग, अमृत सिद्धि योग के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलेंगे। इस 9 दिन की अविध में मां दुर्गा-काली की अराधना के बीच जगदीश यात्रा और विनायकी चतुर्थी भी मनाई जाएगी। नवरात्र का समापन भड़ली नवमी पर होगा। यह दिन अबूझ मुहूर्त वाला है।