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इंदौर

बढ़ रहा जापानी बुखार का खतरा, मरीज जा रहे कोमा में, जांच की कोई सुविधा नहीं

स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट का इंतजार.. भोपाल, छतरपुर और विदिशा में मिले मरीज, इंदौर में जांच की व्यवस्था भी नहीं

इंदौरNov 18, 2017 / 09:28 am

अर्जुन रिछारिया

Encephalitis virus

japani fever

इंदौर. स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, डेंगू के बाद अब प्रदेश में जापानी बुखार (एनसेफेलाइटिस) का खतरा मंडराने लगा है। उप्र-बिहार सहित १४ राज्यों में सैकड़ों मरीज इसके शिकार हो चुके हैं। इंदौर में स्वाइन फ्लू की तरह इसकी भी जांच की व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भोपाल से अलर्ट का इंतजार कर रहा है।
भोपाल में दो, छतरपुर और विदिशा में एक-एक मरीज में बीमारी की पुष्टि हुई है। वह भी तब, जब केंद्र सरकार से भोपाल की सेंट्रल वायरोलॉजी लैब को जांच की किट मुहैया कराई गई। शहर में ॉक्टरों ने वायरल के बाद कुछ मरीजों में एनसेफेलाइटिस होने का शक जताया था। हालांकि इसका कारण वायरल बिगडऩा माना जाता रहा है, जबकि यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है।
क्या है एनसेफेलाइटिस
इनसिफेलाइटिस या जापानी बुखार के 250 मामलों में से एक में तबीयत एकदम से बिगड़ जाती है। मरीज को दौरा पड़ सकता है और वो कोमा में जा सकता है। इसके बाद 30 प्रतिशत मामलों में मरीज की जान चली जाती है।
देश में ये है बीमारी की स्थिति
लक्षण
-तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में जकडऩ, कमजोरी, उल्टी होना, हमेशा सुस्त रहना, भूख कम लगना, अतिसंवेदनशीलता
– छोटे बच्चों में लक्षण
– सिर में उभरी चित्ती
– शरीर में जकडऩ
– दूध कम पीना
– चिड़चिड़ापन और बात-बात पर रोना
ऐसे करें बचाव
– गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें
– मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें
– बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान दें
– मच्छरदानी या कीटनाशक दवा का उपयोग करें
– बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं
– बच्चों के लिए एनसेफेलाइटिस वैक्सीन भी है, जो बाजार में 1600 रुपए की है।
एनसेफेलाइटिस के मामले उप्र व पहाड़ी इलाकों में ज्यादा सामने आते हैं। कनेक्टिविटी के संसाधन बढऩे से खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता। एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच उपलब्ध नहीं है। जबलपुर और भोपाल वायरोलॉजी लैब में जांच की सुविधा है। हमें अब तक विभाग की ओर से अलर्ट नहीं मिला है। शनिवार को भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में इस मुद्दे पर मार्गदर्शन मांगेंगे। संदिग्ध सामने आने पर नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। लार्वा की जांच भी कराई जाएगी।
-डॉ. आशा पंडित, प्रभारी, समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी)
देश में ये है बीमारी की स्थिति
– राज्य मरीज मौत
– असम 589 86
– उत्तरप्रदेश 505 10
– मणिपुर 190 11
– प. बंगाल 96 29
– त्रिपुरा 79 00
– बिहार 58 09
– झारखंड 20 01

– राज्य मरीज मौत
– ओडिशा 65 00
– तमिलनाडु 58 00
– मेघालय 35 04
– महाराष्ट्र 15 00
– कर्नाटक 04 00
– नगालैंड 09 02
– मध्यप्रदेश 03 00

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